Karnataka Elections 2023: कर्नाटक के पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर रहे हैं. लेकिन उनके कार्यालय की दीवार पर अब भी पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तस्वीरें लगी हैं. इसको लेकर उनका कहना है कि इन्हें हटाना उचित नहीं है. जगदीश शेट्टार के कांग्रेस में जाने को बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
शेट्टार हुबली-धारवाड़ मध्य विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व 1994 से भाजपा सदस्य के रूप में करते रहे हैं. उनका दावा है कि पहले भाजपा का इस क्षेत्र में कोई वजूद नहीं था और उन्होंने यहां पार्टी के लिए आधार तैयार किया था. भाजपा से अपने सालों पुराने संबंध तोड़ने के बाद शेट्टार ने अब कांग्रेस का झंडा थामा है और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ प्रचार में लगे हैं.
शेट्टार अपने अतीत को दरकिनार कर अपने घर में स्थित कार्यालय में सोफे पर बैठकर अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं. मोदी और शाह की दो तस्वीरें अब भी उनके पीछे की दीवार पर टंगी हैं. दीवार पर टंगी इन तस्वीरों के अभी तक लगे होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘इसमें हैरानी की क्या बात है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक पार्टी से दूसरी में जाने के फौरन बाद पहले के नेताओं की तस्वीरें हटाना अच्छी बात नहीं है. मैं ऐसा नहीं कर सकता.’’ पूर्व बीजेपी नेता और उनकी पत्नी पहले कई बार यह बात कह चुके हैं कि वे मोदी और शाह का बहुत सम्मान करते हैं.
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उन्होंने कहा, ‘‘यह चुनाव मेरे आत्मसम्मान की लड़ाई है, राजनीतिक आकांक्षाओं की नहीं. मेरे आत्मसम्मान को चोट पहुंची है, इसलिए मैं अपनी खुद की शांति के लिए बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हो गया.’’ शेट्टार ने यह भी कहा कि उन्हें भाजपा ने इसलिए भी टिकट नहीं दिया क्योंकि इस तरह की आशंका थी कि वह पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के बाद लिंगायतों में नंबर एक के नेता हो सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘पता नहीं मुझे टिकट क्यों नहीं दिया गया जबकि मैं लोकप्रिय हूं, कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है और कोई भ्रष्टाचार नहीं किया. भाजपा ने 75 साल की उम्र वाले लोगों, नेताओं के रिश्तेदारों और आपराधिक पृष्ठभूमि वालों को प्रत्याशी बनाया है.’’
शेट्टार ने कहा कि यह गलत धारणा है कि उन्होंने पिछले छह चुनाव भाजपा कार्यकर्ताओं और मराठाओं की मदद से जीते. उन्होंने कहा, ‘‘बोम्मई राजनीति में मेरे बाद आये. उनके मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेते ही मैं मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुआ. मैं पिछले दो साल से विधायक के रूप में काम कर रहा हूं.’’ हुबली और उसके आसपास स्थित अपनी संपत्तियों की जांच की की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने बेंगलुरु में कोई बंगला नहीं बनाया. यहां भी मेरे पास कानूनी दायरे के तहत सीमित संपत्ति हैं. मैं 1,000 करोड़ रुपये वाला नेता नहीं हूं. मेरा करोड़ों रुपये का लेनदेन नहीं है. ये सारे बकवास आरोप हैं.’’
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