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मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करने वाली बेंच से जस्टिस संजय कुमार ने खुद को किया अलग

Delhi Excise Policy Case: शराब नीति मामले में कथित आरोपी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई से जस्टिस संजय कुमार ने खुद को अलग कर लिया है. जस्टिस संजय कुमार ने कहा कि वह निजी कारणों से सुनवाई से खुद को अलग कर रहे है. जस्टिस संजीव खन्ना, संजय करोल और जस्टिस संजय कुमार की तीन जज सुनवाई करने वाली थी. अब सीजेआई यह तय करेंगे कि जस्टिस संजय कुमार की जगह पर कौन से जज बेंच का हिस्सा होंगे. कोर्ट 15 जुलाई से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए फिर से सूचीबद्ध कर दिया है.

फिर से सुनवाई की अपील की गई

बता दें कि मनीष सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मामले में जमानत का अनुरोध करने वाली इस याचिका पर फिर से सुनवाई किये जाने की अपील की गई है. जिसका पहले निस्तारण किया जा चुका है. इससे पहले 4 जून को कोर्ट ने सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया था.

16 महीने से जेल में बंद हैं सिसोदिया

पिछली सुनवाई में सिसोदिया की जमानत पर बहस करते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने तीन अहम दलीलें दी थीं. उन्होंने कहा, मनीष सिसोदिया 16 महीने से जेल में है. कोर्ट ने कहा था कि मामले की सुनवाई पूरी हो जानी चाहिए लेकिन अभी तक शुरू ही नहीं हुई. इसलिए मैंने विशेष अनुमति याचिका दायर की है. कोर्ट ने 3 जुलाई के बाद फिर से याचिका दायर करने की छूट दी थी. हम उसी के आधार पर आए हैं और चाहते हैं कि हमारे मामले को सुना जाए.

इस पर सुप्रीम कोर्ट से उनकी जमानत याचिका पर फिर से सुनवाई करने का अनुरोध किया गया है. याचिका में यह भी कहा गया है कि जांच एजेंसियों की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया था कि आबकारी नीति घोटाले के मुख्य मामले और इससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोप पत्र और अभियोजन की शिकायत 3 जुलाई, 2024 को या उससे पहले दायर कर दी जाएगी. ईडी ने इस मामले में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च 2023 को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था.

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सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने अगस्त 2022 में इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ नियमों के कथित उल्लंघन और नई शराब नीति में प्रक्रियागत गड़बड़ी के आरोप में आरोप में एफआईआर दर्ज की. बाद में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में ईडी ने पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच शुरू कर दी थी.

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

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