Karnataka Temple tax bill: कर्नाटक सरकार ने विधानसभा में हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती बिल विधानसभा में पारित करा लिया था, लेकिन विधानपरिषद् में शुक्रवार को यह खारिज हो गया. बिल के अनुसार जिन मंदिरों का राजस्व 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है, सरकार उनकी आय का 10 प्रतिशत टैक्स वसूल करेगी. वहीं जिन मंदिरों की आय 10 लाख से 1 करोड़ के बीच उनसे 5 प्रतिशत टैक्स वसूल किया जाएगा.
हालांकि सरकार ने यह बिल विधानसभा में तो पारित करा लिया लेकिन विधानपरिषद् में यह खारिज हो गया. वहीं विधानपरिषद् भी इस बिल को अधिक से अधिक 2 बार खारिज कर सकती है. तीसरी बार विधानसभा से पारित कराए जाने के बाद बिल स्वतः ही पारित माना जाएगा. हालांकि भाजपा और अन्य हिंदू संगठन इस बिल के विरोध में हैं.
बता दें कि कर्नाटक विधानमंडल के निम्न सदन विधानसभा में सिद्धारमैया सरकार के पास बहुमत हैं लेकिन विधानपरिषद् में जेडीएस और बीजेपी को बहुमत है. ऐसे में बिल खारिज कर दिया गया. विधयक पर फैसले के लिए ध्वनिमत कराया गया था हालांकि इसके पक्ष में सिर्फ 7 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 18 वोट पड़े. बता दें कि कर्नाटक विधानपरिषद् में भाजपा के 34, कांग्रेस के 28 और जेडीएस के 8 सदस्य हैं.
भाजपा का आरोप है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार इन धन का दुरुपयोग करेगी. वहीं सरकार के मंत्री ने दावा किया है कि इन धन का इस्तेमाल धार्मिक परिषदों के उद्देश्य के लिए किया जाएगा. जैसे गरीब पुजारियों का उत्थान, जीर्ण-शीर्ण मंदिरों की मरम्मत, और पुजारियों के बच्चों को गुणवपत्तार्पूण शिक्षा दी जाएगी.
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