पश्चिम बंगाल के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के विरोध में ‘नबन्ना अभिजन’ रैली के दौरान मंगलवार (27 अगस्त) दोपहर को हावड़ा और कोलकाता में प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हो गई.
प्रदर्शनकारियों ने अस्पताल में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए पश्चिम बंगाल सचिवालय (नबन्ना) की ओर मार्च किया और पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठियां भांजी, आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें कीं.
पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है. रैली के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारी दोनों पक्ष के लोग घायल हुए हैं. इस अभियान का आह्वान ‘पश्चिम बंग छात्र समाज’ ने किया था, जिसे पुलिस ने अवैध करार दिया है.
इस रैली के खिलाफ हुई कार्रवाई को लेकर बीजेपी ने बुधवार को पश्चिम बंगाल बंद का आह्वान किया है. मंगलवार को भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया कि नबन्ना अभिजन में हिस्सा लेने वाले चार लोग लापता हैं.
शुभेंदु अधिकारी के अनुसार, ये चार लोग हावड़ा स्टेशन पर स्वयंसेवकों को भोजन वितरित कर रहे थे और आधी रात के बाद अचानक गायब हो गए. उन्होंने लापता व्यक्तियों की सूची में सुभोजित घोष, पुलोकेश पंडित, गौतम सेनापति और प्रीतम सरकार के नाम बताए. अधिकारी का कहना था कि न तो इनका पता लगाया जा सका है और न ही ये किसी से संपर्क कर पा रहे हैं.
कोलकाता पुलिस ने इस आरोप को खारिज करते हुए एक्स पर पोस्ट किया कि पश्चिम बंगाल पुलिस के खिलाफ झूठी कहानियां फैलाई जा रही हैं. पुलिस ने कहा कि किसी भी छात्र के लापता होने की कोई जानकारी नहीं है और यह सब एक राजनीतिक नेता की तरफ से झूठी अफवाह फैलाने का प्रयास है.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शुभेंदु अधिकारी ने एक और पोस्ट में लिखा कि लापता छात्रों के परिवार ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने ममता बनर्जी की सरकार पर आरोप लगाया कि पुलिस के खिलाफ न्यायालय में उचित कार्रवाई की जाएगी. अधिकारी का कहना था कि मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है और अदालत में इसकी जांच की जाएगी.
कोर्ट में मामला जाने के ठीक बाद पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि जिन चार लोगों को लापता बताया जा रहा है, वो पुलिस कस्टडी में हैं. पुलिस ने कहा कि पब्लिक सेफ्टी के लिए इन चारों को गिरफ्तार किया गया.
बता दें कि बीते 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर का अर्धनग्न शव मिला था. मृतक मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग की छात्रा थी. गुरुवार (8 अगस्त) को अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद वह अपने दोस्तों के साथ डिनर करने गई थी.
घटनास्थल से मृतक डॉक्टर का मोबाइल फोन और लैपटॉप भी मिला. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसके मुंह, दोनों आंख और प्राइवेट पार्ट पर चोट के निशान मिले थे. इसके अलावा, होठ, गर्दन, पेट सहित शरीर के कई भागों में चोट के निशान मिले थे. इस घटना के बाद से पश्चिम बंगाल में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब देश के कई राज्यों में फैल गया है. विवाद बढ़ने के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी.
-भारत एक्सप्रेस
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