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ट्रेनी डॉक्टर हत्‍याकांड: अधिवक्ता विनीत जिंदल की राष्ट्रपति को चिट्ठी- TMC सरकार बंगाल में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल, राष्ट्रपति शासन लगे

West Bengal News: पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल हॉस्पिटल में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर की बलात्कार के बाद बिगड़े हालात को देखते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई है. अधिवक्ता विनीत जिंदल ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिख कर कहा है कि पश्चिम बंगाल में हिंसक घटनाएं स्पष्ट रूप से बताती हैं कि वहां की TMC सरकार राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है जो संवैधानिक तंत्र की स्पष्ट विफलता है.

राष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत उनको मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की गई है. विनीत जिंदल ने राष्ट्रपति को लिखी अपनी याचिका में कहा है कि बंगाल में हिंसा और हत्याएं एक नियमित घटना बन गई है. हमने पंचायत चुनाव हिंसा, लोक सभा चुनाव हिंसा और संदेशखली मानवाधिकार उल्लंघन जैसी घटनाएं देखी है जो ये स्पष्ट करती है कि बंगाल में आम नागरिकों की जान बचाने और संविधान के अनुच्छेद 21 में दिए गए मौलिक अधिकार को बचाने में पश्चिम बंगाल सरकार पूरी तरह से विफल रही है.

अब सीबीआई कर रही मामले की जांच

हालांकि डॉक्टरों की विरोध को देखते हुए ममता सरकार ने मामले को सीबीआई को सौप दिया है. सीबीआई ने इस मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है. इस सिलसिले में सीबीआई ने पांच डॉक्टरों से पूछताछ की है. वही दूसरी ओर हॉस्पिटल में तोड़फोड़ के मामले में अबतक 19 लोगों मो गिरफ्तार किया जा चुका है।बता दें कि 8-9 अगस्त की रात में ट्रेनी लेडी डॉक्टर के साथ बलात्कार की घटना हुई, बलात्कार के बाद दरिंदे ने डॉक्टर की हत्या कर दी थी.

MD द्वितीय वर्ष की छात्रा थी डॉक्टर

डॉक्टर चेस्ट मेडिसिन विभाग में MD द्वितीय वर्ष की छात्रा थी. इसके साथ ही वो कॉलेज में ही डॉक्टर की ट्रेनी ले रही थी. जिस रात लेडी डॉक्टर के साथ ऐसी दुर्घटना घटी उसी रात उसने 12 बजे के आसपास अपने दोस्तों के साथ डिनर किया था. लेकिन उसके बाद डियूटी पर लेडी डॉक्टर का बलात्कार किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई. जिसके बाद कलकत्ता हाईकोर्ट में कई याचिका दायर की जा चुकी है. जिसमें से एक याचिका पीड़ित के माता-पिता की ओर से दायर की गई है. जिसमें उन्होंने अपनी बेटी की मौत की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की है.

मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रमुख डॉक्टर संदीप घोष की आलोचना करते हुए उन्हें आवश्यक अवकाश लेने का निर्देश दिया है. इतना ही नही कोर्ट ने डॉक्टर के माता-पिता को सूचित करने में देरी और सरकार द्वारा डॉक्टर घोष के कथित बचाव पर भी सवाल उठाया है.

– भारत एक्‍सप्रेस

गोपाल कृष्ण

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