Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में सियासत तेज है. दलबदल का क्रम भी लगातार जारी है. तो वहीं कुछ दलों में बागियों के स्वर भी मुखर हो रहे हैं. इसी बीच सपा प्रमुख बागियों की काट खोज लाए हैं और इससे उन्होंने भाजपा को भी कड़ी टक्कर दी है. राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि सपा की पीडीए रणनीति विरोधियों को भी खामोश करने वाली है. दरअसल सोमवार को सपा ने यूपी में लोकसभा चुनाव के लिए 11 और उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है, जिसमें बहुजन समाज पार्टी (BSP) के सांसद अफजाल अंसारी का नाम भी शामिल है. तो इसी के साथ ही इस सूची में सपा ने पिछड़े और अनुसूचित जाति का भी खास ख्याल रखा है. माना जा रहा है कि अखिलेश ने अपनी इस सूची से उन बागियों और विरोधियों का मुंह बंद कर दिया है जो लगातार उन पर पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की उपेक्षा करने का आरोप लगा रहे थे.
बता दें कि सपा ने अपनी दूसरी लिस्ट मे 11 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है, जिसमें से चार पिछड़े समुदाय से हैं तो वहीं पांच अनुसूचित जाति से हैं. इसी के साथ ही अफजाल अंसारी मुस्लिम समाज से हैं तो वहीं वीरेंद्र सिंह क्षत्रिय हैं. सपा की इस सूची की राजनीतिक गलियारों में जमकर चर्चा हो रहा है. मालूम हो कि, सपा ने इससे पहले 30 जनवरी को उत्तर प्रदेश की 16 लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवार घोषित किये थे, जिसमें से 11 पिछड़ा वर्ग के उम्मीवारों के नाम इसमें शामिल हैं तो वहीं एक मुस्लिम, एक दलित, एक ठाकुर, एक टंडन और एक खत्री को भी सपा ने चुनावी मैदान में उतारा है. इसी के साथ ही 11 ओबीसी उम्मीदवारों में से चार कुर्मी, तीन यादव, दो शाक्य, एक निषाद और एक पाल समुदाय के उम्मीदवार को मौका दिया है. इस तरह से सपा ने लोकसभा चुनाव के लिए पीडीए फार्मूला अपनाया है और उन विरोधियों का मुंह बंद कर दिया है जो उन पर आगामी राज्यसभा चुनाव के लिये पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की उपेक्षा करने का आरोप लगा रहे हैं.
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तो वहीं सपा प्रवक्ता राजपाल कश्यप ने घोषित उम्मीदवारों की सूची को लेकर कहा है कि ‘इस सूची में पीडीए के सभी तत्व मौजूद हैं. यह राज्यसभा चुनाव के लिये घोषित उम्मीदवारों को लेकर जतायी गयी कथित नाराजगी को शांत करने की कवायद नहीं है.’ उन्होंने ये भी कहा कि ‘पार्टी की पिछली सूची में भी पीडीए के सभी तत्व शामिल हैं. अब, जो लोग (राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पसंद पर) सवाल उठा रहे हैं, उनके अपने कुछ निहित स्वार्थ हैं.’ मालूम हो कि अखिलेश यादव ने राज्यसभा चुनाव के लिए जया बच्चन, रामजी सुमन और आलोक रंजन को अपना उम्मीदवार बनाया है, जिसका पार्टी के कई विधायक जमकर विरोध कर रहे हैं. सहयोगी के तौर पर अपना दल कमेरावादी की पल्लवी पटेल ने तो इस सम्बंध में खुलकर नाराजगी जताई है और ये भी कहा है कि वह सपा के पक्ष में वोट नहीं देंगी.
-भारत एक्सप्रेस
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