Lok Sabha Election 2024 : निकाय चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जुट गई है. बीजेपी ने जिस तरह मेयर की सभी सीटों पर कब्जा किया है, ठीक उसी तरह अब लोकसभा की सभी सीटों पर कब्जा करने की रणनीति बना रही है. हालांकि इसके लिए पार्टी की राह आसान नहीं होगी, क्योंकि पिछली बार जिन 14 सीटों पर लोक सभा की सीटें हारी थी वहां अब भी भाजपा को जीत हासिल करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी.
बता दें कि पिछली बार भाजपा ने लोकसभा की 80 सीटों में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी. दो सीटें सहयोगी अपना दल (एस) के पास हैं. पिछले वर्ष हुए उपचुनाव में भाजपा ने आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटें भी अपने खाते में दर्ज कर ली थीं लेकिन राजनीतिक जानकार मानते हैं कि 14 सीटों पर बीजेपी की डगर आसान नहीं होगी. हालांकि भाजपा ने इसके लिए पूरी रणनीति बना ली है और इन सीटों पर जीत का झंडा लहराने की जिम्मेदारी भी अपने कार्यकर्ताओं को सौंप दी है.
14 सीटों पर लोकसभा चुनाव-2024 की राह आसान करने के लिए भाजपा ने केंद्र सरकार के चार मंत्रियों (नरेन्द्र सिंह तोमर, डा. जितेन्द्र सिंह, अश्विनी वैष्णव और अन्नपूर्णा देवी) को जिम्मेदारी सौंपी है. इसी के साथ भाजपा इन सीटों के लिए लोकसभा संयोजक व प्रभारी के साथ विस्तारक भी नियुक्त कर चुकी है.
बता दें कि नगीना लोकसभा सीट के पांच विधानसभा क्षेत्रों की पांच में से सिर्फ एक-नूरपुर नगर पालिका के अध्यक्ष का चुनाव ही भाजपा जीत सकी है. नजीबाबाद, नगीना, धामपुर और नहटौर नगर पालिकाओं में उसे हार का सामना करना पड़ा है. इसी तरह निकाय चुनाव में तमाम ऐसी जगहों से बीजेपी हारी है, जो कद्दावर नेताओं का क्षेत्र है.
मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र की सीमा में आने वाले बढ़ापुर क्षेत्र की नगर पंचायत का चुनाव भी भाजपा के हाथ से खिसक गया है. तो वहीं श्रावस्ती लोक सभा सीट के अंतर्गत जिले के भिनगा व श्रावस्ती तथा बलरामपुर जिले के तुलसीपुर, गैसड़ी और बलरामपुर विधान सभा क्षेत्र आते हैं. तो वहीं श्रावस्ती की एक नगर पालिका और एक नगर पंचायत तो भाजपा हार गई है, तो वहीं बलरामपुर नगर पालिका और तुलसीपुर नगर पंचायत में उसे जीत मिली थी.
आजमगढ़ की तीनों नगर पालिकाओं में भाजपा को जीत नहीं मिली, जिले की 13 नगर पंचायतों में से सिर्फ एक भाजपा जीत सकी. घोसी लोक सभा सीट का बड़ा हिस्सा मऊ जिले में आता है. बीजेपी मऊ नगर पालिका हारने के साथ ही जिले की 10 में से दो नगर पंचायत ही जीत सकी. तो वहीं रायबरेली लोक सभा सीट पर जिले की नगर पालिका की जीत भी भाजपा के हाथ से खिसक गई लेकिन नौ में से पांच नगर पंचायतों पर जीत जरूर मिली.
वहीं बिजनौर लोक सभा सीट के पांच विधान सभा क्षेत्रों में पुरकाजी, मीरापुर और चांदपुर नगर पालिकाओं में भी कमल नहीं खिल सका. जबकि बिजनौर और हस्तिनापुर नगर पालिका में मिली जीत ने पार्टी को कुछ राहत पहुंचाई. तो वहीं बिजनौर जिले की 12 नगर पालिकाओं में से सिर्फ दो और छह नगर पंचायतों में केवल एक पर ही बीजेपी जीत हासिल कर पाई. इसी तरह सहारनपुर के 12 नगरीय निकायों में से नगर निगम समेत कुल चार निकायों में ही कमल खिल सका. इस तरह जिले की चार में से दो नगर पालिकाओं और सात में से छह नगर पंचायतों में बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा.
अमरोहा लोकसभा सीट पर भाजपा को पांच में से तीन नगर पालिकाओं और चार में से तीन नगर पंचायतों में हार मिली. तो वहीं इस लोक सभा सीट के अंतर्गत आने वाले हापुड़ के गढ़ मुक्तेश्वर क्षेत्र की नगर पालिका में भाजपा ने जीत दर्ज कराई. संभल और मुरादाबाद लोक सभा सीटों में दोनों जिलों के विधानसभा क्षेत्रों के अलावा बिजनौर की बढ़ापुर विधानसभा सीट भी आती है. संभल जिले की तीन नगर पालिकाओं में भाजपा को एक और पांच नगर पंचायतों में से चार में विजय मिली जबकि मुरादाबाद में भाजपा नगर निगम चुनाव तो जीत गई लेकिन जिले की दोनों नगर पालिकाओं और आठ में से छह नगर पंचायतों में उसे हार का मुंह देखना पड़ा.
बता दें कि पिछले साल हुए उपचुनाव में भाजपा ने मैनपुरी सीट जरूर हारी थी लेकिन निकाय चुनाव में जिले में अच्छा प्रदर्शन किया. मैनपुरी नगर पालिका के साथ ही जिले की नौ में से सात नगर पंचायतों में बीजेपी में जीत का झंडा गाड़ा. तो वहीं जौनपुर लोक सभा सीट के अंतर्गत तीन में से दो नगर पालिकाओं और दो नगर पंचायतें जीतकर भाजपा ने जिले में अपनी पैठ बनाई. तो वहीं गाजीपुर लोक सभा सीट पर भी पार्टी ने संतोषजनक प्रदर्शन किया. भाजपा गाजीपुर और जमानिया नगर पालिकाएं तथा सैदपुर और दिलदारनगर नगर पंचायतें भी जीतने में सफल रही.
अगर निकाय चुनाव का परिणाम देखा जाए तो आंबेडकरनगर लोकसभा सीट पर भाजपा की स्थिति का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले की तीनों नगर पालिका परिषदों और चार में से तीन नगर पंचायतों में उसे जीत के लिए तरसना पड़ा है. आंबेडकरनगर के अंतर्गत आने वाले अयोध्या के गोसाईंगंज विधान सभा क्षेत्र की नगर पालिका गोसाईंगंज में ही मिली जीत से पार्टी को संतोष करना पड़ा है. बता दें कि लालगंज लोक सभा सीट आजमगढ़ जिले में आती है. फिलहाल देखना ये है कि भाजपा अपने लक्ष्य और रणनीति के मुताबिक उन सीटों पर भी किस तरह जीत का झंडा गाड़ती है, जिन पर उसे हार का मुंह देखना पड़ा है.
-भारत एक्सप्रेस
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