Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए को टक्कर देने के लिए 26 विपक्षी दलों ने मिलकर ‘इंडिया’ गठबंधन का ऐलान किया और जोर-शोर से बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का दावा किया. ये एकजुटता संसद के मानसून सत्र के दौरान भी दिखी थी लेकिन अब इसमें दरारें नजर आने लगी हैं. कांग्रेस नेत्री अलका लांबा (Alka Lamba) ने बुधवार को दावा किया था कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया कि पार्टी दिल्ली की सभी 7 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इस दावे के बाद आम आदमी पार्टी बिफर गई. वहीं अब कांग्रेस पार्टी के एक और नेता संदीप दीक्षित ने अलका लांबा के बयान का बचाव किया है और साथ ही साथ आम आदमी पार्टी निशाना भी साधा है.
संदीप दीक्षित ने आम आदमी पार्टी को ‘बेवकूफों की फौज’ बता दिया. उन्होंने कहा कि दुनिया को धोखा देते हैं इसलिए उन्हें धोखा ही नजर आता है. कांग्रेस नेता ने कहा कि अलका लांबा ने गलत क्या बोला. सात सीटों पर तैयारी करने की बात में क्या गलत है. उन्होंने कहा, “बिना तैयारी के चुनाव लड़ेंगे क्या? अगर गठबंधन हुआ तो हमारी तैयारी का लाभ दूसरों को भी मिलेगा.”
हालांकि, अलका लांबा के बयान का AICC दिल्ली कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने खंडन किया और कहा, “अलका लांबा एक प्रवक्ता हैं लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करने के लिए वह अधिकृत प्रवक्ता नहीं हैं. मैंने प्रभारी के तौर पर कहा है कि आज बैठक में ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई. NDIA गठबंधन की कोई भी चर्चा केवल मल्लिकार्जुन खड़गे की उपस्थिति में होगी.”
अलका लांबा के बयान का कांग्रेस ने भले ही खंडन कर दिया लेकिन अब आम आदमी पार्टी की तरफ से बयानबाजी तेज हो गई है. AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि अगर कांग्रेस दिल्ली में गठबंधन नहीं करती है तो INDIA गठबंधन में जाने का कोई मतलब नहीं है और यह समय की बर्बादी होगी. प्रियंका कक्कड़ ने यह भी कह दिया कि INDIA गठबंधन की अगली बैठक में शामिल होने पर हाईकमान फैसला करेगा.
दरअसल, तमाम बयानबाजी के बीच कांग्रेस दिल्ली और बाकी देश में लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर आम आदमी पार्टी से इतना परहेज क्यों कर रही है, ये अलका लांबा के बयान से समझा जा सकता है. अलका लांबा का कहना है कि कांग्रेस पार्टी 2019 के चुनाव में दिल्ली की सातों सीटों पर बीजेपी के बाद नंबर दो पर रही थी. उन्होंने दावा किया कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद लोग भाजपा के खिलाफ देश में एक मजबूत विकल्प के तौर पर कांग्रेस को देख रहे हैं. अलका लांबा का दावा है कि कांग्रेस को अरविंद केजरीवाल लगातार कोसते रहते थे और उनका वोट ही ‘आप’ के पाले में गया है.
अलका लांबा ने सत्येंद्र जैन और सिसोदिया के भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाने का जिक्र भी किया. दरअसल, कांग्रेस को लगता है कि आप आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के मामलों में अगर एक्सपोज हो गई तो उसका वह ‘वोट बैंक’ जो AAP के पाले में गया था, वापस कांग्रेस की तरफ लौट सकता है. दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में कांग्रेस ने खुलकर केजरीवाल सरकार का विरोध किया था और अब गठबंधन से पहले यही तेवर कांग्रेस नेताओं ने फिर दिखाने शुरू कर दिए हैं.
लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस का प्रदर्शन आम आदमी पार्टी की तुलना में बेहतर था. हालांकि दोनों में से किसी भी दल के हाथ एक भी सीट नहीं आई थी, लेकिन वोट प्रतिशत के लिहाज से कांग्रेस का पलड़ा जरूर भारी रहा था. लोकसभा चुनाव 2019 में आम आदमी पार्टी को 18.2 फीसदी वोट मिले थे जबकि कांग्रेस को 22.6 फीसदी वोट मिले थे. ऐसे में कांग्रेस उन 5 सीटों पर लड़ना चाहेगी जहां वह दूसरे नंबर पर रही थी. लेकिन कांग्रेस की यह शर्त शायद ही आम आदमी पार्टी को मंजूर हो.
-भारत एक्सप्रेस
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