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जीक्यूजी पार्टनर्स समेत अन्य निवेशकों ने 1.1 अरब डॉलर में अडानी पावर में हासिल की 8.1% हिस्सेदारी

अमेरिका स्थित निवेश फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स ने अन्य निवेशकों के साथ मिलकर बुधवार को अडानी पावर लिमिटेड में 9,000 करोड़ रुपये (1.1 अरब अमेरिकी डॉलर) से अधिक में 8.1% हिस्सेदारी खरीदी है। जीक्यूजी पार्टनर्स और अन्य निवेशकों ने एक ब्लॉक डील में अडानी पावर के 31.2 करोड़ शेयर खरीदे, जो अब तक के सबसे बड़े सेकेंडरी मार्केट इक्विटी लेनदेन में से एक है। शेयर बाजार के आंकड़ों से पता चलता है कि अडानी पावर चौथी कंपनी है जहां जीक्यूजी ने मई महीने से निवेश किया है। प्रमोटर अडानी परिवार, जिसकी कंपनी में 74.97 प्रतिशत हिस्सेदारी थी उन्होंने 279.17 रुपये प्रति शेयर की औसत कीमत पर 31.2 करोड़ यानी 8.1 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची है।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, जीक्यूजी पार्टनर्स इमर्जिंग मार्केट्स इक्विटी फंड और गोल्डमैन सॅक्स ट्रस्ट II-गोल्डमैन सॅक्सजीक्यूजीपार्टनर्स इंटरनेशनल अपॉर्चुनिटीज फंड ने 279.15 रुपये प्रति शेयर पर 15.2 करोड़ शेयर खरीदे।अमेरिका स्थित निवेश फर्म, जिसने मार्च की शुरुआत से अडानी समूह में निवेश करना शुरू किया थाजब समूह शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों से जूझ रहा था। जीक्यूजीने पहले अडानी एंटरप्राइजेज में 5.4% हिस्सेदारी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड में 6.54% और अदाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड में 2.5% हिस्सेदारी खरीदी थी। अडानी पावर भारत की रणनीतिक ऊर्जा और बिजली उत्पादकों में से एक है। यह लेनदेन भारत में किसी निवेशक और प्रमोटर समूह के बीच अपनी तरह का पहला लेनदेन है। सूत्रों ने कहा कि यह निवेश अदाणी समूह के विविध व्यापार उद्यमों की आंतरिक ताकत को उजागर करता हैलेकिन यह प्रशासन के उच्चतम मानकों के लिए समूह की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

इस निवेश कार्यक्रम की सफलता समूह की सभी कंपनियों के पोर्टफोलियो में निर्बाध रूप से पर्याप्त धन जुटाने की अद्वितीय क्षमता को रेखांकित करती है।हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी में, समूह पर लेखांकन धोखाधड़ी और स्टॉक मूल्य में हेरफेर का आरोप लगाया, जिससे शेयर बाजार में गिरावट आई और इसके बाजार मूल्य में सबसे निचले बिंदु पर लगभग 150 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ। अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों से इनकार किया है और अब वह वापसी की रणनीति बना रहा है जिसमें अपनी योजनाओं को फिर से तैयार करना, अधिग्रहण को खत्म करना, अपने कैश फ्लोऔर उधार की चिंताओं को दूर करने के लिए ऋण का पूर्व भुगतान करना और नई परियोजनाओं पर खर्च की गति को कम करना शामिल है।

मार्च में, प्रमोटरों ने समूह की कंपनियों में 15,446 करोड़ रुपये (1.87 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की हिस्सेदारी जीक्यूजीपार्टनर्स को बेची। जीक्यूजी ने मई में 400-500 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के शेयरों की अतिरिक्त खरीद के साथ उस निवेश को और बढ़ाया। अडानी परिवार ने तीन पोर्टफोलियो कंपनी- अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड में हिस्सेदारी बिक्री के माध्यम से करीब 1.38 बिलियन अमेरिकी डॉलर (11,330 करोड़ रुपये) जुटाए थे। इसके अलावा, तीन पोर्टफोलियो कंपनियों को निवेशकों के शेयर बिक्री के माध्यम से इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग के लिए बोर्ड की मंजूरी मिल गई है। अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने निवेशकों के शेयर बिक्री के माध्यम से 12,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है, जबकि अदाणी ट्रांसमिशन ने 8,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। अडानी ग्रीन एनर्जी की 12,300 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। अडानी समूह की प्रमुख कंपनियों में निवेश किया गया है जो भारत के चल रहे ऊर्जा परिवर्तन से जुड़े हैं।

अडानी एंटरप्राइजेज ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं को विकसित कर रही है, जबकि अडानी ग्रीन, रिन्यूएबल एनर्जी शाखा है जो 2030 तक 45 गीगावॉट क्षमता का निर्माण कर रही है। अडानी ट्रांसमिशन ऐसी बिजली को चलाने के लिए लाइन बिछाता है। समूह के 360-डिग्री ऊर्जा प्लान मेंरिन्यूएबल एनर्जी, बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन और गैस शामिल हैं. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मद्देनजर अडानी एंटरप्राइजेज को 20,000 करोड़ रुपये की फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (FPO) को रद्द करने के कुछ महीनों बाद शेयर बिक्री हुई। ऑफर पूरी तरह से सब्सक्राइब हो गया था लेकिन कंपनी ने सब्सक्राइबर्स के पैसे लौटा दिए। अडानी समूह जो राशि जुटा रहा है उसका उपयोग कर्ज कम करने और समूह की विस्तार परियोजनाओं को फाइनेंस करने के लिए किया जाएगा। जीक्यूजी का अडानी पर दांव मुख्य रूप से इसलिए था क्योंकि समूह सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते डेवलपर के रूप में उभर रहा था।

अडानी पोर्टफोलियो भारत के बढ़ते बुनियादी ढांचे के लिए वन-स्टॉप प्ले है। अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड हवाई अड्डों, सड़क (परिवहन और रसद), डेटा सेंटर, तांबा और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे व्यवसायों का विकास कर रही है, जिससे अगले 5 से 15सालों में इसके निवेशकों के लिए बड़े पैमाने पर मूल्य अनलॉक हो सकता है। इसकी इनक्यूबेटर मॉडल यूनिकॉर्न बनाने की सफलता 100% है और इसने अडानी ट्रांसमिशन, अडानी पावर और अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड जैसे यूनिकॉर्न बनाए हैं। अकेले इन चार कंपनियों का संयुक्त बाजार 62 बिलियन अमेरिकी डॉलर है – जो इनक्यूबेटर से लगभग दोगुना है।प्रबंधन ने हाल ही में कहा है कि वे अगले तीन से चार वर्षों में हवाई अड्डों और सड़क व्यवसायों को अलग से सूचीबद्ध करेंगे। अडानी ग्रीन भारत में सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते रिन्यूएबल एनर्जी प्लेयर के रूप में उभरा है। पिछले पांच सालों में इसकी ग्रीन कैपेसिटी 33% सीएजीआर से बढ़ी हैंजो ये दर्शाता है कि इसका उद्योगऔसत 15%से अधिक है। वर्तमान में, इसके रिन्यूएबल एनर्जीपोर्टफोलियो का आकार 20.4 है। यह 2030 तक 45 गीगावॉट पोर्टफोलियो का लक्ष्य रख रहा है।

-भारत एक्सप्रेस

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