Lucknow: बहुचर्चित श्रवण साहू हत्याकांड मामले में लखनऊ की तत्कालीन SSP मंजिल सैनी के खिलाफ CBI की सिफारिश के बाद शासन के निर्देश पर विभागीय जांच शुरू कर दी गई है. इस सम्बंध में राज्यपाल की अनुमति से एडीजी इंटेलिजेंस भगवान स्वरूप और एसपी इंटेलिजेंस संजीव त्यागी को जांच अधिकारी नामित किया गया है. मालूम हो कि श्रवण साहू को सुरक्षा नहीं दिए जाने का आरोप मंजिल सैनी पर लगा है. इस प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर सीबीआई ने मामले में मंजिल सैनी को दोषी पाते हुए राज्य सरकार से उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने की सिफारिश की थी.
बता दें कि बेटे के बाद पिता की हुई हत्या से पूरे प्रदेश में हड़कम्प मच गया था और फिर 2017 के विधानसभा चुनाव में भी ये हत्याकांड बड़ा मुद्दा बना था. भाजपा ने इस हत्याकांड को लेकर तत्कालीन सपा सरकार पर जमकर निशाना साधा था और इस हत्याकांड के बाद सपा की जमकर छिछालेदर हुई थी. संयोग ऐसा रहा कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और सपा की सरकार जाने के बाद आई भाजपा सरकार ने इस प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. इसके बाद सीबीआई, लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच के एसपी एसके खरे के निर्देश पर डिप्टी एसपी विशंभर दीक्षित ने इस पूरे मामले की जांच की थी. इसके बाद मंजिल सैनी और लखनऊ के तत्कालीन डीएम गौरी शंकर प्रियदर्शी ने मंजिल सैनी को लापरवाही करने का दोषी पाया था. इसी के बाद CBI ने प्रदेश सरकार से उनके खिलाफ विभागीय जांच कराने की सिफारिश की थी.
सूत्रों के मुताबिक मंजिल सैनी को एडीजी इंटेलिजेंस भगवान स्वरूप ने रविवार को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था. इसी के साथ शिकायतकर्ता पक्ष को भी बयान देने के लिए बुलाया गया था. हालांकि इस सम्बंध में कोई जानकारी सामने नहीं आ सकी है. पूछताछ क्या हुई इसके बारे में कोई भी जानकारी सामने नही आई है. तो वहीं पहले सीबीआई द्वारा की गई पूछताछ में मंजिल सैनी ने इस पूरे मामले को लेकर अपने अधीनस्थ अधिकारियों को दोषी बताया. उन्होंने इस सम्बंध में बयान देते हुए कहा था कि, पुलिस लाइन के तत्कालीन प्रतिसार निरीक्षक शिशुपाल सिंह को उन्होंने श्रवण साहू को सुरक्षा प्रदान कराने का मौखिक आदेश दिया था, लेकिन प्रतिसार निरीक्षक ने उनके आदेश का पालन नहीं किया. तो वहीं, प्रतिसार निरीक्षक ने इस सम्बंध में अपना बयान दिया था कि अधिकारी मंजिल सैनी ने उनको इस तरह का कोई आदेश दिया ही नहीं था. इसी के बाद सीबीआई ने श्रवण साहू हत्याकांड में चार्जशीट दाखिल कर दी थी और उनके बेटे के हत्यारोपित अकील समेत सात आरोपितों को दोषी ठहराया गया था.
बता दें कि वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में एनएसजी में मंजिल सैनी तैनात हैं. वह वर्ष 2005 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं. वह लखनऊ में 18 मई 2016 से 27 अप्रैल 2017 तक एसएसपी रहीं. इसी दौरान एक फरवरी 2017 को कारोबारी श्रवण साहू को अपराधियों ने गोली मार दी थी, जिसमें उनकी मौत हो गई थी. इस हत्या की घटना के बाद से पूरे प्रदेश में हड़कम्प मच गया था और सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हुए थे तो वहीं इससे पहले श्रवण साहू के बेटे आयुष की हत्या भी बदमाशों ने ही की थी. बताया जा रहा है कि, अपने बेटे के बदमाशों को सजा दिलाने के लिए वह मजबूती से पैरवी कर रहे थे और इस हत्याकांड में श्रवण साहू एकमात्र गवाह भी थे. मीडिया सूत्रों की मानें तो आरोपी लगातार श्रवण साहू को पैरवी नहीं करने के लिए धमकी दे रहे थे. इस पर उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन पहले तो उनको सुरक्षा देने के लिए पुलिस ने आनाकानी की, लेकिन बाद में डीजीपी मुख्यालय के दखल के बाद सुरक्षा देने का आदेश किया गया, लेकिन इस आदेश को अमल में जब तक लाया जाता, उससे पहले ही श्रवण साहू को बदमाशों ने उनके घर में ही घुसकर गोलियों से भून दिया.
-भारत एक्सप्रेस
Kharmas Lucky Zodiac: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस साल खरमास का महीना 15 दिसंबर से…
झारखंड विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 है. यहां पहले चरण में 13 नवंबर को…
चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने प्रतिवादियों को एक समय…
BGT Perth Test: पर्थ टेस्ट का आज दूसरा दिन है. पहले सेशन में ऑस्ट्रेलिया 104…
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार को आएंगे. यहां की 288 सीटों पर एक चरण…
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर कवर्धा नेशनल हाईवे पर शुक्रवार की रात बड़ा हादसा…