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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियां, जिनसे बदली भारत की तस्वीर

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का नाम भारतीय राजनीति में एक विशेष स्थान रखता है. उन्हें एक सशक्त अर्थशास्त्री और नेता के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने देश को न केवल आर्थिक संकट से बाहर निकाला, बल्कि उसे वैश्विक मंच पर नई पहचान भी दिलाई. देश के प्रधानमंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल न केवल आर्थिक सुधारों से भरा था, बल्कि उन्होंने कई ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जो आज भी भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था पर गहरे असर डालते हैं. चाहे वह 1991 का आर्थिक उदारीकरण हो या फिर 2005 में लागू किया गया राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, हर कदम पर डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत को आगे बढ़ने की दिशा में काम किया.

आइए जानते हैं डॉ. मनमोहन सिंह की प्रमुख उपलब्धियों के बारे में:

भारत को आर्थिक संकट से उबारा

डॉ. मनमोहन सिंह का सबसे बड़ा योगदान 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था में किए गए ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों के रूप में सामने आया. जब भारत गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा था, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव ने उन्हें वित्त मंत्री नियुक्त किया. उन्होंने देश के वित्त मंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण सुधार किए. उनके नीतियों से देश की विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई इसके अलावा उन्होंने आयात प्रतिबंधों को हटाया, और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए नीति में बदलाव किया. उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक उदारीकरण (Liberalization), निजीकरण (Privatization) और वैश्वीकरण (Globalization) यानि LPG Reforms की दिशा में कदम बढ़ाया. इसके परिणामस्वरूप भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत हुई और लाइसेंस राज की दिक्कतों से मुक्ति मिली. उनके द्वारा किए गए सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक मानकों के अनुरूप ढाला और देश को आत्मनिर्भर बनाया.

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA)

2005 में डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA) लागू किया. इस कानून के तहत प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 100 दिन के वेतन रोजगार की गारंटी दी गई. यह कानून ग्रामीण इलाकों में रोजगार की संभावनाओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ गरीब परिवारों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए लागू किया गया. इस योजना के तहत लाखों लोगों को रोजगार मिला और ग्रामीण बुनियादी ढांचे में वृद्धि हुई.

सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI)

2005 में डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) को लागू किया. इस कानून ने नागरिकों को सार्वजनिक प्राधिकरणों या सरकारी संस्थओं से जानकारी प्राप्त करने का अधिकार दिया. इससे शासन में पारदर्शिता बढ़ी और सरकारी कार्यों में जवाबदेही सुनिश्चित हुई. यह कानून भारत में एक मजबूत लोकतंत्र की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ.

आधार कार्ड की सुविधा

डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने आधार परियोजना की शुरुआत की, जो भारतीय निवासियों को एक विशिष्ट पहचान प्रदान करने के लिए बनाई गई थी. इस परियोजना का उद्देश्य सरकारी लाभों और सेवाओं की पहुंच को सरल बनाना था. आधार के जरिए नागरिकों को विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे उनके खाते में मिल सकता है, जिससे प्रशासनिक खर्चों में कमी आई और भ्रष्टाचार को नियंत्रित किया गया.

प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT)

डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benefit Transfer) सिस्टम को लागू किया. इसके जरिए सरकारी योजनाओं के लाभ को सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजा जाने लगा. इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो गई और योजनाओं का लाभ सीधे उन तक पहुंचने लगा, जिससे वितरण प्रणाली में पारदर्शिता आई और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिली.

कृषि ऋण माफी (2008)

2008 में डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने कृषि ऋण माफी योजना लागू की, जिसके तहत किसानों के 60,000 करोड़ रुपये के ऋण माफ किए गए. इस योजना का उद्देश्य किसानों को आर्थिक संकट से उबारना था और उनकी वित्तीय स्थिति को सुधारना था. इस योजना ने देशभर के लाखों किसानों को राहत दी और उनके जीवन स्तर में सुधार किया.

भारत-अमेरिका परमाणु समझौता

डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते पर बातचीत की और इसे अंतिम रूप दिया. इस समझौते के तहत भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) से छूट मिली, जिससे भारत को परमाणु ऊर्जा के लिए अन्य देशों से यूरेनियम आयात करने की अनुमति मिली. यह समझौता भारत के परमाणु कार्यक्रम को वैश्विक स्तर पर मान्यता देने के साथ-साथ भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हुआ.


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डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी सशक्त पहचान बनाई. उन्होंने भारत के विदेशी संबंधों को मजबूत किया और कई देशों के साथ व्यापारिक और रणनीतिक साझेदारियां बढ़ाईं. उनके कार्यकाल में भारत की वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थिति मजबूत हुई और भारत ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी आवाज बुलंद की.

-भारत एक्सप्रेस

Prashant Rai

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