UP Politics: अगामी लोकसभा चुनाव के लिए यूपी में सियासत अभी से गर्म है. राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है. राजनीतिक पार्टियां जातिगत समीकरणों को साधने के लिए पुराने से पुराने किस्सों और दिवंगत नेताओं के नाम को अपनी बैसाखी बनाकर चुनावी नाव पार लगाने की जुगत में हैं. इसी कड़ी में योगी सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद ने फूलन देवी की पुण्यतिथि पर जो सियासी चाल चली है, उसको तोड़ने के लिए विपक्षी दल काट ढूंढने में जुटे हैं.
बता दें कि हाल ही में फूलन देवी की पुण्यतिथि पर भी संजय निषाद ने सपा पर निशाना साधा था और केंद्र और राज्य सरकार को एक पत्र लिखकर फूलन देवी (Phoolan Devi) हत्याकांड की सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी. साथ ही फूलन देवी की संपत्ति को सपा पोषित माफियाओं से मुक्त कराकर उनकी माता के नाम कराने की मांग की है. इतना ही नहीं संजय निषाद ने सपा पर फूलन देवी का यूज करने का आरोप भी लगाया है.
संजय निषाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे. प्रधानमंत्री निचले तबके को आगे बढ़ाने की इच्छा रखते हैं और वह चाहते हैं कि निचले तबके के लोग आगे बढ़ें और विकास करें. उन्होंने कहा कि यही एजेंडा निषाद पार्टी का भी है. इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि इस बार भी 2022 की तर्ज पर ही चुनाव लड़ेंगे, क्योंकि उस समय यूपी विधानसभा चुनावों में योजनाबद्ध तरीके से सीटें शेयर की और जिसका नतीजा ये रहा कि हमारे गठबंधन ने ऐसी कई सीटें जीतीं जहां भाजपा ने पहले कभी जीत हासिल नहीं की थी.
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