Monsoon 2023: भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कहा कि अगले 48 घंटों में मानसून के केरल पहुंचने की संभावना है. वहीं आईएमडी ने बुधवार को तमिलनाडु में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. मौसम विभाग के अनुसार, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मानसून 9 जून तक और केरल में 11 जून तक जारी रहेगा. इस दौरान इन इलाकों में तेज हवाएं चलेंगी और मुसलाधार बारिश होगी. वहीं लक्षद्वीप में 9-11 जून और कर्नाटक में 10 और 11 जून को भारी बारिश होने की बात कही गई है.
बता दें कि इससे पहले मोसम विभाग ने कहा था कि इस साल केरल में मानसून के आगमन में देरी हो सकती है. आईएमडी ने मंगलवार को कहा, “अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वी अरब सागर और उससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में तेजी आएगी.” आमतौर पर उत्तर की ओर बढ़ने और 15 जुलाई तक पूरे देश को कवर करने से पहले मानसून सामान्य रूप से 1 जून के आसपास केरल में आता है. आईएमडी ने 16 मई को कहा था कि मानसून के 4 जून को 2-4 दिन आगे पीछे केरल पहुंचने की संभावना है.
अरब सागर में उठे चक्रवात के कारण दक्षिण पश्चिमी मानसून अगले 48 घंटे में केरल के तट पर तेज आंधी और मूसलाधार बारिश के साथ दस्तक दे सकता है. अरब सागर में निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है. पछुआ हवाएं मानसून को आगे की तरफ धकेल रही हैं. इस समय अरब सागर की बजाय बंगाल की खाड़ी की तरफ से ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है.
बता दें कि भारत की अर्थव्यवस्था के लिहाज से मानसून मह्त्वपूर्ण है. दरअसल, भारत के कृषि क्षेत्र का 51% उत्पादन का 40% बारिश पर आधारित है. देश की 47% आबादी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है या यूं कहे भरपूर मानसून का सीधा संबंध स्वस्थ ग्रामीण अर्थव्यवस्था से होता है.
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इस बीच केरल सरकार ने चक्रवात और मानसून के खतरे को देखते हुए मछुआरों को गहरे समुद्र में जाने से रोकने के लिए चेतावनी जारी की है. एक मछुआरे ने एएनआई को बताया कि मंगलवार की रात तेज हवाएं चलने के बाद वे किनारे के करीब रह रहे हैं और गहरे समुद्र में नहीं जा रहे हैं.
बता दें कि मानसून एक मौसमी परिवर्तन है. जैसे ही भारत में गर्मी शुरू होती है तो लोग राहत की उम्मीद लगाये आसमान की तरफ निहारना शुरू कर देते हैं. ऐसे में सबको इंतजार होता है तो सिर्फ मानसून का. जैसे ही मानसून देश में प्रवेश करता है तो वह अपने साथ लाता है खूब सारी बारिश और ठंडी हवाएं. ये बारिश लोगों को भीषण गर्मी से राहत दिलाती है. मानसून के आगमन के साथ ही किसानों के चेहरे भी खिलखिला उठते हैं, क्योंकि मानसून की बारिश फसलों के लिए बहुत लाभकारी होती है.
-भारत एक्सप्रेस
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