Monsoon News: उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और बिहार सहित देश के तमाम हिस्सों में लोग लू और भीषण गर्मी से परेशान हैं. कहीं-कहीं तो पारा 45 से लेकर 50 के पार भी पहुंच गया है. कूलर-एसी तक से राहत नहीं मिल रही है. ऐसे में राहत भरी खबर सामने आ रही है.
दक्षिण पश्चिम मानसून ने पूर्वानुमान से एक दिन पहले गुरुवार यानी आज केरल तट पर दस्तक दे दी है और अब ये पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों की ओर बढ़ रहा है. बता दें कि मौसम विभाग ने 15 मई को केरल में और 31 मई तक मानसून के दस्तक देने की सम्भावना जताई थी तो वहीं बुधवार को भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया था कि अगले 24 घंटों के दौरान केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी रहेंगी.
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से केरल में भारी बारिश हो रही है, जिससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. तो वहीं मौसम विभाग ने कहा है कि इसी वजह से मई में सामान्य से अधिक बारिश हुई है तो वहीं इससे पहले मौसम विभाग ने कहा था कि रविवार को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से गुजरे चक्रवात रेमल ने मानसून के प्रवाह को बंगाल की खाड़ी की ओर खींच लिया है, जो पूर्वोत्तर में मानसून के जल्दी आने का एक कारण हो सकता है. बता दें कि पिछले साल मानसून ने 8 जून को दस्तक दी थी तो वहीं 2022 में 29 मई को आया था. बता दें कि आने वाले 15 दिनों में उत्तर भारत तक मानसून पहुंच जाएगा और लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी.
भारी बारिश को देखते हुए मौसम विभाग ने तिरुवनंतपुरम, पथानामथिट्टा, कोल्लम, कोट्टायम, अलाप्पुझा, एर्नाकुलम,इडुक्की, पलक्कड़, त्रिशूर, कोझिकोड, मलप्पुरम में येलो अलर्ट जारी किया है. इसी के साथ ही मौसम विभाग ने मछुआरों को सलाह दी है कि समुद्र में जाकर मछली न पकड़ें.
मौसम विभाग ने त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और असम में मानसून के लिए सम्भावना जताई है कि 5 जून को यहां मानसून पहुंचेगा. तो वहीं आईएमडी ने ये भी कहा है कि इस दौरान दक्षिण अरब सागर के कुछ और हिस्सों, मालदीव, कोमोरिन, लक्षद्वीप के शेष हिस्सों, दक्षिण-पश्चिम और मध्य बंगाल की खाड़ी, उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती दिखाई दे रही हैं.
बता दें कि केरल में मानसून के आगमन की घोषणा मौसम विभाग तब करता है, जब 10 मई के बाद किसी भी समय केरल के 14 केंद्रों और पड़ोसी क्षेत्रों में लगातार दो दिनों तक 2.5 मिमी या उससे अधिक बारिश होती है. तो इसी के साथ ही आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (ओएलआर) कम होता है और हवाओं की दिशा दक्षिण-पश्चिमी की ओर होती है.
-भारत एक्सप्रेस
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