गुजरात के मोरबी में केवल तारों से बने लगभग 150 साल पुराने ब्रिज के ढहने से मोरबी पुल हादसे का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने याचिका तुरंत स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई आगामी 14 नवंबर को तय की है. वहीं, हादसे की बात की जाए तो इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या 141 पहुंच चुकी है. आज मोरबी अस्पताल में एक और मरीज ने दम तोड दिया है. वहीं, PM नरेंद्र मोदी आज अस्पताल का दौरा कर सकते हैं और घायलों से भी मिल सकते हैं.
मोरबी पुल हादसे में मृतकों के लिए 2 नवंबर को गुजरात में राज्यव्यापी शोक मनाने का निर्णय लिया गया है. निर्णय में तय हुआ कि राज्य में सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और कोई समारोह या मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए देशभर में जितने भी पुराने पुल और स्मारक हैं, वहां होने वाली भीड़ को मैनेज करने के लिए नियम बनाने की मांग की गई है. इसके साथ ही राज्य सरकारों को पुराने धरोहरों और पुलों के सर्वे के लिए एक कमेटी बनाने का निर्देश देने की भी मांग की गई है.
याचिका में कहा गया है कि स्थायी आपदा नियंत्रण विभाग बनाने से त्रासदियों का तुरंत बचाव कार्य शुरू मदद मिलेगी और ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा. सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने यह जनहित याचिका दाखिल की है.
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