MP Election Results 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के बाद जारी काउंटिंग में रुझानों में बीजेपी को बढ़त के साथ ही बहुमत मिलता नजर आ रहा है. यह संकेत हैं कि बीजेपी एक बार फिर मध्य प्रदेश प्रचंड जीत की ओर बढ़ गई है. सीएम शिवराज सिंह चौहान पूरे मध्य प्रदेश के बच्चों के मामा के तौर एक बार फिर विजेता साबित हुए हैं. जिन शिवराज को लेकर दावे थे कि वे अब हार जाएंगे, उनके लिए रुझान दोगुनी बढ़त दिखा रहे हैं. शिवराज सिंह चौहान का यह कमबैक बीजेपी के लिए सबसे बड़ी सक्सेस साबित किया है.
रुझानों की बात करें तो बीजेपी करीब 158 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस केवल 69 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है. ये रुझान बता रहे हैं कि बीजेपी मध्य प्रदेश में एक प्रचंड जीत की ओर बढ़ रही है. इस जीत में सबसे बड़े हीरो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं. उनकी योजनाओं और गारंटियों को जनता ने समर्थन दिया, नतीजा ये की कांग्रेस औंधे मुंह गिरी है.
मध्य प्रदेश को लेकर राजनीतिक विश्लेषक कहना है कि शिवराज की वापसी में उनकी बहुप्रचारित और घर-घर पहुंच चुकी स्कीम लाडली बहना योजना को प्राइम फैक्टर मान रहे हैं. इस योजना ने शिवराज की राजनीतिक किस्मत बदल कर रख दी है. प्रदेश की बेटियों का खुद को मामा कहने वाले शिवराज लंबे समय से मध्य प्रदेश में महिलाओं के बीच लोकप्रिय रहे हैं.
सीएम शिवराज ने न सिर्फ अपने इस स्कीम को प्रचारित किया बल्कि अपने पुराने रिकॉर्ड का भी हवाला दिया और अपने 18 साल के गवर्नेंस की दुहाई दी. इस दौरान शिवराज ने गांव की बेटी और लाडली लक्ष्मी योजना का हवाला दिया है. मुख्यमंत्री शिवराज ने कल्याणकारी घोषणाओं की बाढ़ लगा दी. उन्होंने राज्य के 30 लाख जूनियर स्तर के कर्मचारियों के लिए वेतन और भत्ते में वृद्धि की. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी तोहफा दिया और उनका वेतन 10,000 रुपये से बढ़ाकर 13,000 रुपये किया.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने रोजगार सहायकों का मानदेय दोगुना (9,000 रुपये से 18,000 रुपये) करने और जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जिला अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और उपसरपंच और पंच जैसे नेताओं का मानदेय तीन गुना करने का भी वादा किया था, जिसका फायदा बीजेपी को सीधा मिलता दिख रहा है.
मध्य प्रदेश में हिंदुत्व का फैक्टर भी खूब चला है. यही वजह है कि कथित सेकुलर कांग्रेस को भी एमपी में सॉफ्ट हिन्दुत्व के सहारे चलना पड़ा लेकिन मतदाताओं को जब चुनने की जरूरत हुई तो उन्होंने बीजेपी के ब्रांड वाले हिन्दुत्व को चुना. शिवराज सिंह चौहान राज्य में मंदिरों की तस्वीर बदल कर उन्हें आध्यात्मिकता के साथ साथ आधुनिकता का कलेवर देने में लगे हैं. केंद्र की बीजेपी भी इसी नीति पर चल रही है. उज्जैन कॉरिडोर इसी का उदाहरण है.
इतना ही नहीं, शिवराज ने राज्य के चार मंदिरों- सलकनपुर में देवीलोक, ओरछा में रामलोक, सागर में रविदास स्मार्क और चित्रकूट में दिव्य वनवासी लोक के विस्तार और स्थापना के लिए 358 करोड़ रुपये का बजट दिया है. शिवराज ने उत्तर प्रदेश की तरह अपने यहां भी बुलडोजर ब्रांड की राजनीति का इस्तेमाल किया. उज्जैन में शोभायात्राओं पर पत्थर फेंकने वालों के घर बुलडोजर चले. उज्जैन में ही बच्ची के साथ रेप के आरोपी का घर बुलडोजर से ढहा दिया गया.
-भारत एक्सप्रेस
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