MP News: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई. मंत्रि-परिषद ने स्कूल शिक्षा के प्रस्ताव और परियोजना परीक्षण समिति की अनुशंसा अनुसार प्रदेश में 70 सर्वसुविधायुक्त विद्यालयों के लिये अनुमानित लागत 2847 करोड़ 63 लाख रूपये से निर्माण किये जाने का निर्णय लिया. प्रदेश में सी.एम. राइज योजना के प्रथम चरण में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 275 विद्यालय विकसित किये जा रहे हैं.
मंत्रि-परिषद द्वारा पन्ना जिले की रूंज मध्यम सिंचाई परियोजना लागत राशि 513 करोड़ 72 लाख रूपये, सैंच्य क्षेत्र 14 हजार 450 हेक्टेयर की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई. परियोजना से पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील के 47 ग्रामों के 14 हजार 450 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा. मंत्रि-परिषद द्वारा मझगाँय मध्यम सिंचाई परियोजना लागत राशि 693 करोड़ 64 लाख रूपये सैंच्य क्षेत्र 13 हजार 60 हेक्टेयर रबी की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई. परियोजना से पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील के 38 ग्रामों के 13 हजार 60 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा.
मंत्रि-परिषद ने देवी अहिल्याबाई होल्कर स्मारक प्रतिष्ठान इन्दौर को ग्राम कस्बा इंदौर में 1.215 हेक्टेयर भूमि का निःशुल्क आवंटन करने का निर्णय लिया.
मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आदेश 31 फरवरी 2023 का अनुसमर्थन किया. नगरीय क्षेत्रों की शासकीय भूमि के धारकों के धारणाधिकार संबंधी मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना में नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि पर काबिज व्यक्तियों की पट्टा हेतु पात्रता अवधि (अधिभोग की तिथि) में वृद्धि कर 31 दिसम्बर, 2014 से बढ़ा कर 31 दिसम्बर, 2020 की जाये. नगरीय क्षेत्रों की शासकीय भूमि में धारकों के धारणाधिकार संबंधी विभागीय परिपत्र दिनांक 24 सितम्बर, 2020 की प्रक्रिया एवं उपबंधों का अनुसरण करते हुए ऐसे अधिभोगी जो 31 जुलाई 2023 तक सक्षम प्राधिकारी के समक्ष आवेदन करते हैं तो उन पात्र अधिभोगियों को नियमानुसार प्रब्याजि एवं भू-भाटक लेकर उनके अधिभोग के भूखंडों के 30 वर्षीय स्थाई पट्टे जारी किये जायें.
ऐसे मामलों में जिनमें इस परिपत्र के जारी होने की दिनांक के पूर्व लिए गए निर्णयों के अनुसरण में प्रीमियम राशि जमा की जा चुकी है, उन्हें पुनः विचार हेतु नहीं खोला जाएगा और न ही उन्हें कोई राशि वापिस प्राप्त करने अथवा भविष्य में देय राशि के समायोजन की पात्रता होगी.
मंत्रि-परिषद ने लाईनमेन के विपरीत एवं विषम परिस्थितियों तथा जोखिम भरे कार्य के दृष्टिगत निर्णय लिया गया कि प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों में आउटसोर्स के माध्यम से नियोजित आई. टी. आई. उत्तीर्ण श्रमिक, जो कंपनी में लाइनमेन का कार्य कर रहे हैं, को श्रमायुक्त द्वारा निर्धारित प्रतिमाह वेतन के अतिरिक्त 1000 रूपये का जोखिम भत्ता प्रदान किया जायेगा. ऐसे कार्यरत लाइनमेन को कंपनियों द्वारा आयोजित प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण किए जाने एवं तत्संबंधी आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण करने पर इस वर्ग में नियोजन की पात्रता होगी.
प्रदेश में जिले की विशेषता के आधार पर उनके द्वारा निर्मित उत्पाद की उत्पादन क्षमता में वृद्धि, ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग के लिये शासन द्वारा औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के माध्यम से एक जिला एक उत्पाद अंतर्गत जिलेवार उत्पादों का चयन किया गया है. मंत्रि-परिषद में कृषि संबंधी 6 उत्पाद अंतर्गत 10 जिलों में शामिल कोदो-कुटकी जिला अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, सिंगरौली, तुअर दाल जिला-नरसिंहपुर, चना जिला-दमोह. बासमती चावल जिला रायसेन, चिन्नौर चावल जिला-बालाघाट एवं सरसों जिला भिण्ड एवं मुरैना को ‘एक जिला-एक उत्पाद’ हेतु प्रशिक्षण एवं मूल्य संवर्धन योजना लागू करने का निर्णय लिया. योजना का क्रियान्वयन संचालक, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास, भोपाल के माध्यम से किये जाने का निर्णय लिया गया.
मंत्रि-परिषद ने राजस्व न्यायालयों की कम्प्यूटरीकरण परियोजना RCMS 4.0. का विकास किए जाने के लिए आगामी 5 वर्षों (2023-24, 2024- 25, 2025-26, 2026-27 एवं 2027-28) के लिए तकनीकी एवं वित्तीय प्रस्ताव राशि 73 करोड़ 48 लाख 65 हजार का व्यय किये जाने तथा RCMS 4.0 का विकास किए जाने की अवधि में समानांतर रूप से RCMS परियोजना 3.0 को आगामी दो वर्षों (2023-24 एवं 2024-25) तक जारी रखने ₹9 करोड़ 78 लाख रूपये का व्यय किये जाने की स्वीकृति प्रदान की.
मंत्रि-परिषद द्वारा दीनदयाल अन्त्योदय योजना के द्वितीय चरण में स्थापित 100 रसोई केन्द्रों के अतिरिक्त 20 निकायों में 20 नवीन स्थाई रसोई केन्द्र तथा ऐसे लोगों की मदद के लिये जो स्थाई रसोई केंद्रों पर नहीं पहुँच पाते हैं, उनके लिये 16 नगर निगम तथा पीथमपुर एवं मण्डीदीप में कुल 25 नवीन चलित रसोई केन्द्र (इस प्रकार कुल 45 नवीन रसोई केन्द्र) खोले जाने का निर्णय लिया गया.
कोविड-19 महामारी के समय रसोई केन्द्रों की महत्ता भी प्रदर्शित हुई. इसलिये 26 फरवरी, 2021 को रसोई योजना के द्वितीय चरण में 52 जिला मुख्यालयों तथा 06 धार्मिक नगर मैहर, ओंकारेश्वर, महेश्वर, अमरकंटक, ओरछा एवं चित्रकूट में कुल 100 रसोई केंद्रों का संचालन आरंभ किया गया था. योजना में प्रत्येक जरूरतमंद को रुपये 10/- प्रति व्यक्ति की दर से भोजन उपलब्ध कराया जाता है. आज तक 01 करोड़ 62 लाख थालियों का वितरण किया जा चुका है.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में व्यवसाय एवं श्रम कार्यों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से जरूरतमंद व्यक्तियों और परिवारों का आगमन होता है. शासन द्वारा प्रदेश के 55 नगरीय निकायों के 119 रैन बसेरा/आश्रय स्थलों में इनके लिये अस्थाई आश्रय तथा दीनदयाल अन्त्योदय रसोई योजना के प्रथम चरण 7 अप्रैल, 2017 से प्रदेश के 51 नगरीय निकायों के 56 रसोई केन्द्रों में किफायती दरों पर पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की गई है
मंत्रि-परिषद ने चिकित्सा महाविद्यालय, ग्वालियर अंतर्गत 1000 बिस्तर नवीन निर्मित चिकित्सालय के संचालन के लिए नियमित स्थापना के 488 पद और आउटसोर्स के 484 पद विभिन्न संवर्ग को मिला कर 972 नवीन पद सृजित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई.
मंत्रि-परिषद द्वारा सतना में नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना हेतु पूर्व में जारी प्रशासकीय स्वीकृति 4 अक्टूबर, 2018 में प्रथम चरण के निर्माण कार्य हेतु स्वीकृत राशि 300 करोड़ रूपये के स्थान पर 328 करोड़ 79 लाख रूपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई.
मंत्रि-परिषद द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छह क्रमांक 4 में वर्तमान में प्राकृतिक आपदा से फसल क्षति हेतु परिशिष्ट-1 (एक) (क) की तालिका के अनुक्रमांक 01 एवं 02 में संशोधन का अनुसमर्थन किया गया. लघु एवं सीमांत 0 से 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि धारित करने वाले कृषक/खातेदार को वर्षा आधारित फसल के लिए 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 5 हजार 500 रूपये, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 8 हजार 500 रूपये, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 17 हजार रूपये, सिंचित फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 9 हजार 500 रूपये, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 16 हजार रूपये, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार 500 रूपये, बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से कम अवधि में 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर) फसल के लिये 9 हजार 500 रुपये प्रति हेक्टेयर, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से अधिक अवधि के बाद 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने) पर फसल के लिये 16 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 21 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, सब्जी, मसाले तथा ईसबगोल की खेती के लिये 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 27 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा.
33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर सेरीकल्चर (एरी. शहतूत और टसर) फसल के लिये 6 हजार 500 रूपये प्रति हेक्टेयर तथा मूंगा के लिये 8 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा. 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर सेरीकल्चर (एरी. शहतूत और टसर) फसल के लिये 13 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर तथ मूंगा के लिये 16 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा.
इसी प्रकार लघु एवं सीमांत कृषक से भिन्न कृषक-2 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि धारित करने वाले कृषक / खातेदार को वर्षा आधारित फसल के लिए 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 5 हजार रूपये, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 7 हजार 300 रुपये, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 14 हजार 600 रूपये, सिंचित फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 7 हजार रूपये, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 14 हजार 500 रूपये, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 29 हजार रूपये, बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से कम अवधि के बाद 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर) फसल के लिये 7 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, बारामाही (पैरीनियल) (बोवाई/रोपाई से 6 माह से अधिक अवधि के बाद 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर) फसल के लिये 13 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, सब्जी, मसाले तथा ईसबगोल की खेती के लिये 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 15 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, 33 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर 19 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर 32 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि दी जाएगी.
मंत्रि-परिषद द्वारा शासकीय नवीन महाविद्यालय, नंदानगर, इंदौर में स्नातक स्तर पर कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय प्रारंभ किए जाने हेतु 25 शैक्षणिक तथा 22 अशैक्षणिक नवीन पद सृजन की स्वीकृति प्रदान की गयी.
-भारत एक्सप्रेस
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