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Mulayam Singh Birth Anniversary: जब डिंपल के वजह से प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए थे मुलायम, जानिए क्या है वह किस्सा

Mulayam Singh Birth Anniversary: सपा के संस्थापक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की आज जयंती है. मुलायम का जन्म 22 नवबंर 1939 को इटावा जिले के सैफई गांव में हुआ था. बीते 10 अक्टूबर को लंबी बीमारी के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हुआ. सैफई में मुलायम सिंह यादव की जयंती (Mulayam Singh Birth Anniversary) के मौके पर मुलायम और उनकी बहू डिंपल यादव से जुड़ा एक किस्सा हम आपको बताएंगे. मुलायम के सियासी विरासत को बचाने के लिए बहू डिंपल यादव मैनपुरी लोकसभा सीट से मैदान में हैं, लेकिन एक ऐसा भी दिन था जब डिंपल की वजह से मुलायम प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए थे.

कई सियासी जानकार दावा करते हैं कि साल 1996 में प्रधानमंत्री पद के लिए मुलायम सिंह यादव के नाम पर मुहर लग गई थी. लेकिन लालू यादव अपनी बेटी की शादी अखिलेश यादव से करना चाह रहे थे. मुलायम भी इस शादी के पक्ष में थे, लेकिन अखिलेश को जैसे ही पता चला तो उन्होंने शादी करने से मना कर दिया और डिंपल से शादी करने की बात पिता मुलायम और परिवार के लोगों से कही. जब अखिलेश शादी के लिए नहीं माने तो लालू और शरद यादव ने मुलायम को समर्थन न देने का फैसला किया. इसके बाद मुलायम सिंह यादव की जगह एचडी देवगौड़ा ने पीएम पद की शपथ ली.

अब हम सब लोग एक हो गए हैं- शिवपाल

मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद एक बार फिर परिवार एक होता दिख रहा है. अखिलेश से नाराज होकर अलग पार्टी बनाने वाले चाचा शिवपाल सिंह यादव भी इस चुनाव में बहू डिंपल यादव के लिए प्रचार कर रहे हैं. शिवपाल ने मैनपुरी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मंच कहा कि अब हम सब लोग एक हो गए हैं. शिवपाल सिंह यादव बड़े भाई मुलायम को याद कर भावुक भी हो गए. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा विधानसभा का रिकॉर्ड तोड़कर डिंपल यादव की बड़ी जीत करवानी है. शिवपाल ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला, उनके नेता और विधायकों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए.

ये भी पढ़ें : Mainpuri Bypolls: सपा के गढ़ में कैसे चुनौती दे रही है बीजेपी? इन आंकड़ों से समझिए मैनपुरी उपचुनाव का सियासी दंगल

चाचा-भतीजे में दूरियां नहीं थीं- अखिलेश

तो वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल को धन्यवाद कहा. इसके बाद वो बोले- लोग कहते थे कि चाचा-भतीजे में बहुत दूरियां हैं. आपको बता दूं चाचा-भतीजे में दूरियां नहीं थीं, राजनीति में दूरियां थीं. इस बात की खुशी है कि अब राजनीति की दूरियां खत्म हो गईं.

-भारत एक्सप्रेस

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