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“कांग्रेस कोई बर्फ की सिल्ली नहीं जो पिघल जाए,” जेल से बाहर आते ही गरजे सिद्धू, सीएम मान को बताया भाई, कहा- केंद्र राष्ट्रपति शासन लागू करने की साजिश रच रहा

Navjot Singh Sidhu: “कांग्रेस बर्फ की कोई सिल्ली नहीं जो पिघल जाए. आज अगर मेरा भाई भगवंत मान सुन रहा हो तो वो भी सुन ले. आज पंजाब में राष्ट्रपति शासन लागू करने की साजिश की जा रही है.” ये अल्फाज कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के हैं. उन्होंने अपने चीर-परिचित अंदाज में यह बयान तब दिया, जब शनिवार को पटियाला जेल से उन्हें रिहा किया गया. जेल से बाहर आते ही सिद्धू केंद्र की बीजेपी सरकार पर बरसे और पंजाब की वर्तमान स्थिति के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया.

केंद्र की मोदी सरकार को नवजोत सिंह सिद्धू ने तानाशाही सरकार करार दिया. उन्होंने अपने बयानों में जहां अपनी पार्टी के प्रति वफादारी दिखाने की कोशिश की, वहीं विपक्षी एकता को साधने की भी कोशिश करते दिखाई दिए. सिद्धू ने कहा कि आज देश भर में तानाशाही चल रही है. लेकिन, इसके खिलाफ उनके नेता राहुल गांधी ढाल बनकर लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राहुल और प्रियंका गांधी उनके लिए हमेशा खड़े रहे हैं और देश के लिए कांग्रेस के पूर्वजों ने काफी कुर्बानियां दी हैं.

‘पंजाब में राष्ट्रपति शासन लागू करने की साजिश रच रही केंद्र सरकार’

नवोजत सिंह सिद्धू ने कहा कि केंद्र सरकार जानबूझकर माइनॉरिटी प्रधान स्टेट में स्थिति खराब करवा रही है, ताकि राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सके. उन्होंने पंजाब की कानून-व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया और भगवंत मान से मामले को समझने की अपील की. सिद्धू ने कहा, “मेरा भाई भगवंत मान भी सुन रहा होगा तो सुन ले. केंद्र सरकार पंजाब में राष्ट्रपति शासन लागू करने की साजिश रच रही है. जहां-जहां माइनॉरिटी वाले लोगों की सरकारें हैं, वहां-वहां केंद्र सरकार साजिशें कर रही है. लेकिन, पंजाब इस देश की ढाल है और इसे तोड़ने की साजिश चल रही है.” सिद्धू ने चेताया कि पंजाब को कमजोर करने की कोशिश होगी तो कमजोर हो जाएंगे.

पटियाला जेल से रिहा होने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, “संविधान को मैं अपना ग्रंथ मानता हूं, तानाशाह हो रहा है. जो संस्थाएं संविधान की ताकत ती वही संस्थाएं आज गुलाम बन गई हैं. मैं घबराता नहीं हूं, मैं मौत से डरता नहीं हूं क्योंकि मैं जो करता हूं वो पंजाब की अगली पीढ़ी के लिए कर रहा हूं.”

बता दें कि 1988 में ‘रोड रेज’ के एक मामले में 65 वर्षीय गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सिद्धू को इस मामले में दोषी ठहराया था और उन्हें एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी. सिद्धू पिछले साल 20 मई से जेल में बंद थे.

-भारत एक्सप्रेस

कमल तिवारी

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