Sengol: देश को आज नए संसद भवन की सौगात मिली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के दौरान भवन के अंदर सेंगोल स्थापित किया. इस दौरान पीएम मोदी सेंगोल के सामने दंडवत भी हुए. बता दें कि तमिलनाडु से आए अधीनम संतों ने धार्मिक अनुष्ठान के बाद पीएम मोदी को इस सेंगोल को सौंपा था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सेंगोल क्या है और इसकी इतनी महत्ता क्यों है.
सेंगोल के बारे मे कितना जानते हैं आप ?
प्राचीन भारत में राजा अपने साथ में एक प्रतीकात्मक छड़ी रखते थे, जिसे राजदंड कहा जाता था और यह सत्ता का प्रतीक होता था. राजा-महाराजा सिंहासन पर बैठते समय धारण करते थे. वर्तमान में भी इसे अधिकतम धर्मगुरु अपने पास रखते हैं. हिंदू धर्म के चारों प्रमुख शंकराचार्यों सहित ईसाई धर्म के प्रमुख पोप भी ऐसे ही एक राजदंड को साथ रखते हैं. जो कि शक्ति और सत्ता का प्रतीक माना जाता है. वहीं बात करें इसके नाम की तो माना जाता है कि सेंगोल’ शब्द संस्कृत के ‘संकु’ (शंख) से भी आया हो सकता है. शंख के समान पवित्र इस छड़ी से कई ऐतिहासिक कहानिया जुड़ी हैं. प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल माउंटबेटन द्वारा एक राजदंड रूपी सेंगोल को सौंप कर सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया पूर्ण की गई थी.
आजादी के इतिहास में सेंगोल
माउंट बेटन के पूछने पर चक्रवर्ती राजाजी राजगोपालाचारी समेत और अन्य कई विद्वानों द्वारा इस परंपरा को आजादी के बाद सत्ता हस्तांतरण के लिए सर्वथा उपयुक्त पाया गया. एक छड़ी के रूप में शासन के दंडाधिकारी का प्रतीक, जिसमें नंदी को न्याय के रक्षक का प्रतीक मानते हुए, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्रतीक लक्ष्मी के ऊपर का स्थान दे कर, जहां एक तरफ राज्य की खुशहाली की भावना समावेशित थी, वहीं दूसरी ओर अमीर-गरीब के भेदभाव के बिना, निष्पक्ष न्याय की चिंता एक शासक करे ऐसा उसे सदैव स्मरण दिलाता था यह सेंगोल. सेंगोल के ऊपर विराजमान नंदी का संदेश बेहद ही खास है.
इसे भी पढ़ें: New Parliament Inauguration: पीएम मोदी ने नई संसद का किया उद्घाटन, हवन-पूजा के बाद ‘सेंगोल’ को लोकसभा में किया स्थापित
भारत की बढ़ती महत्वाकांक्षा का प्रतीक सेंगोल
इतिहास में सेंगोल की महत्ता को देखते हुए पीएम मोदी ने इसे एक बार फिर संसद में स्पीकर की बेंच के पास स्थापित करने का निर्णय लिया और आज इस खास अवसर पर इसे स्थापित किया गया. यह अनूठी संस्कृति भारत के गौरवान्वित इतिहास का वो हिस्सा हैं जिसने अपने देश को एक स्वर्णिम वैश्विक सांस्कृतिक पहचान दी है. यह भारत की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं और इच्छाशक्ति को दिखाता है.
मंत्रालय ने कहा कि यह देखा गया है कि इजरायली सरकार ने अपना आक्रामक व्यवहार…
Sonakshi Sinha On Joining Politics: सोनाक्षी सिन्हा ने हाल ही में पॉलिटिक्स में शामिल होने…
राहुल गांधी 2004 से लगातार तीन बार अमेठी निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य चुने गए…
असीम मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान की सेना अपने मुल्क की जमीन और सरहदों की…
सूत्रों का ये भी कहना है कि अगर रायबरेली से राहुल गांधी को पार्टी टिकट…
Shani Nakshatra Parivartan: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव 12 मई को नक्षत्र परिवर्तन करने…