कैंसर के मरीजों के लिए अच्छी खबर है. अब आधे घंटे के भीतर शरीर में छिपे कैंसर का पता लगाया जा सकता है. इसके लिए पाजिट्रान एमिशन टोमोग्राफी का प्रयोग किया जाएगा. सरकार की ओर से कानपुर के GSVM मेडिकल कालेज को इसे लगाने की अनुमति दे दी गई है.
इसके साथ ही शरीर में किस अंग में कैंसर की कोशिकाएं विकसित हो रही हैं, उसकी जानकारी भी डॉक्टरों को इस तकनीक के जरिए दी जाएगी. शुरुआत दिनों में कैंसर का पता लगने से मरीजों का इलाज जल्द शुरू कर उनकी जान बचाना आसान होने वाला है. शासन ने मेडिकल कॉलेज में मॉर्डन पैट स्कैन मशीन लगाने के लिए प्रस्ताव मांग लिया है. अभी तक यह मशीन राजकीय मेडिकल कॉलेजों में नहीं लगी है..
यह सुविधा सिर्फ SGPGI में ही दी जाएगी. कानपुर में अभी तक जेके कैंसर संस्थान के विशेषज्ञ अलग-अलग अंगों में कैंसर का पता लगाने के लिए एमआरआई और सीटी स्कैन से जांच कराते हैं, फिर उसी रिपोर्ट के आधार पर इलाज शुरू किया जाता है.
डीजीएमई ने कॉलेज प्रशासन से इस प्रोजेक्ट को मांग लिया है.पाजिट्रान एमिशन टोमोग्राफी की मदद से कोशिकाओं में होने वाले परिवर्तनों को आसानी से पता लगाया जा सकता है. जांच से पहले मरीज को विशेष प्रकार के ग्लूकोज के साथ रेडियो आइसोटोप का इंजेक्शन लगाया जाता हैं, ये सिर्फ कैंसर कोशिकाओं में ही जाता है. इन कोशिकाओं से पाजिट्रान निकलते हैं, जिसे मशीन के रेडियो एक्टिव आइसोटोप असानी से पहचान लेता है.
तस्वीर साफ होने से पता चल जाता है कि किस अंग से कैंसर की कोशिकाओं के सिग्नल मिल रहे हैं. इसकी मदद से प्रारंभिक अवस्था में कैंसर का पता लगया जा सकता है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला की माने तो पाजिट्रान एमिशन टोमोग्राफी के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर लिया गया है.
-भारत एक्स्प्रेस
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