भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नये प्रधानमंत्री बने हैं लेकिन इसे लेकर बहस-मुबाहिसों और तर्क-वितर्कों का दौर भारत में चल रहा है.सुनक के नाम की चर्चा हर घर में हो रही है.सियासी जमातें इस मुद्दे पर राजनीतिक तड़का लगा रही हैं.सवाल पूछे जा रहे हैं कि जब एक भारतवंशी ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बन सकता है तो भारत का प्रधानमंत्री अल्पसंख्यक या दलित क्यों नहीं बन सकता.अब इस मामले में बीएसपी सुप्रीमो ने भी एंट्री मार दी है.
मायावती ने ट्वीट किया कि “भारतीय मूल के श्री ऋषि सुनक के ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचने पर यहाँ कांग्रेस व बीेजेपी में ट्विटर वॉर, आरोप-प्रत्यारोप व इधर-उधर की बात जारी है, किन्तु उस राजनीतिक हक व इंसाफ की बातें नहीं की जा रही हैं जिस कारण देश में अभी तक कोई दलित पीएम नहीं बन पाया हैं”.
मायावती ने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा. “ऐसे समय जब अमेरिका व यूरोप के अमीर व विकसित देश जबर्दस्त संकटों के बुरे दौर से जुझ रहे हैं तथा स्थिति को संभालने के लिए नित्य नए प्रयोग कर रहे हैं, भारतीय हुक्मरानों को भी देशहित व यहाँ की जनता के भविष्य के लिए अपनी संकीर्ण एवं जातिवादी सोच को त्यागना ही होगा”.
ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारत में इसे लेकर सियासी बयानबाजियों का नया दौर शुरू हो चुका है.इस मामले में ज्यादातर पार्टियां प्वाइंट स्कोरिंग में जुट गयी हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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