Jaya Prada Case: अभिनेत्री व उत्तर प्रदेश के रामपुर की पूर्व सांसद जया प्रदा (Jaya Prada) की मुश्किलें कम होती दिखाई नहीं दे रही हैं. अब उनके पास कोर्ट में पेश होने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है. दो अलग-अलग मामलों में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में उनके खिलाफ सुनवाई जारी है. तो वहीं एक बार फिर से कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है. इससे पहले पांच बार अदालत ने पूर्व सांसद के खिलाफ वारंट जारी कर अदालत पेश होने का आदेश दे चुकी है, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुईं. तो वहीं उनके अधिवक्ता ने कोर्ट में उनके स्वास्थ्य ठीक न होने की बात कहते हुए प्रार्थना पत्र भी दिया लेकिन कोर्ट ने मानने के इंकार कर दिया है.
मालूम हो कि जया प्रदा पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान आचार संहिता उल्लंघन के मामले में दो अलग-अलग केस पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है. जय प्रदा ने रामपुर के स्वार थाने एक गांव नूरपुर में आचार संहिता के दौरान सड़क का उद्घाटन किया था. इसका वीडियो वायरल होने के बाद फ्लाइंग स्क्वायड टीम के जज 34 स्वार डॉ. नीरज कुमार पराशरी ने उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का केस दर्ज कराया था. तो वहीं दूसरे मामले में अभिनेत्री के खिलाफ साल 2019 में ही कैमूर थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी. थाने के VDO कुलदीप भटनागर ने चुनाव आचार संहिता का मुकदमा उनके खिलाफ दर्ज कराया था. बता दें कि 2019 में ही पूर्व सांसद पिपलिया मिश्र ने जनसभा में लोगों को सम्बोधित करते हुए उनके खिलाफ आपत्तिजनकर टिप्पणी की थी. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसके बाद दोनों मामलों में पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था. केस का ट्रायल रामपुर की स्पेशल MP-MLA कोर्ट में चल रहा है.
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सुनवाई के दौरान पूर्व सांसद जया प्रदा को अदालत ने कई बार पेश होने के लिए नोटिस जारी किया था, लेकिन इस दौरान वह कोर्ट में पेश नहीं हुईं. इस पर अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया था. तो वहीं जया प्रदा के अधिवक्ता ने इस वारंट के खिलाफ वारंट रिकॉल करने की प्रार्थना की थी, लेकिन कोर्ट ने ये भी याचिका खारिज कर दी थी और अपने पूर्व निर्णय को बरकरार रखा था. इस तरह से जया प्रदा के पास अब अदालत में पेश होने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है और उनको अब कोर्ट में पेश होना ही पड़ेगा.
-भारत एक्सप्रेस
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