UP News: सपा का साथ छोड़कर NDA गठबंधन में शामिल होने वाले सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) प्रमुख ओपी राजभर लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं और जनता के बीच जाकर केंद्र की भाजपा सरकार की नीतियों व योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं. इसी क्रम में वह बलराम पहुंचे और आरक्षण को लेकर बताया कि ये किसे मिलना चाहिए और किसे नहीं.
मीडिया से बात करते हुए ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने खुलकर कहा कि डीएम, एसपी, डीआईजी, डीजीपी और मंत्री को आरक्षण (Reservation) का लाभ नहीं मिलना चाहिए. भला जो देश में डीएम, एसपी, डीआईजी, डीजीपी और मंत्री हो गया है, उसे आरक्षण की क्या जरूरत है.
आरक्षण किसको मिलना चाहिए, इस पर बोलते हुए ओपी राजभर ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने आरक्षण को उन लोगों के लिए दिया था जो पिछली पायदान पर हैं. राजभर ने कहा कि आज जो आरक्षण पा गया, वही आरक्षण का लाभ ले रहा है. इस मौके पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा, “उन्हें मुख्यमंत्री का पद विरासत में मिला था. वह एक अपरिपक्व नेता हैं, वो किसी के नहीं हो सकते हैं. अखिलेश यादव ने ही सबसे ज्यादा हक पिछड़ों का लूटा है.” वहीं खुद के मंत्री बनाए जाने के सवाल को लेकर कहा कि दिल थामकर बैठिए सब हो जाएगा.
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लोकसभा में भाजपा सांसद रमेश विधूड़ी द्वारा बसपा सांसद दानिश अली पर की गई अमर्यादित टिप्पणी को लेकर सुभासपा प्रमुख ने विरोध जताया और कहा कि वह इस तरह के बयान के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की भाषा का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में भाजपा के बड़े नेता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से माफी मांगी जा चुकी है, इसलिए अब इस मामले में कोई सवाल बचता नहीं है क्योंकि किसी को फांसी तो नहीं दी जा सकती है.
वहीं महिला आरक्षण बिल पर ओपी राजभर ने कहा कि यह पिछले दो दशकों से लटका पड़ा था लेकिन पीएम मोदी ने इसे लागू कर एक नई शुरुआत की है. उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह पंचायत चुनाव में सामान्य , पिछड़ा, अनुसूचित जाति को आरक्षण मिलता है, वही व्यवस्था यहां भी लागू होती है. राजभर ने बताया कि महिला आरक्षण में कई प्रक्रिया है. पहले इसको लेकर सर्वे होगा, जांच होगी, फिर आरक्षण व्यवस्था लागू होगी.
राजभर ने ‘एक देश-एक चुनाव’ का पक्ष लिया और कहा कि चुनाव में देश का बेमतलब पैसा बहुत ज्यादा खर्च होता है. उन्होंने एक देश और एक शिक्षा की भी वकालत की. हालांकि ‘एक देश एक वेतन’ की बात का राजभर ने विरोध किया और कहा कि एक देश एक वेतन की मांग संभव नहीं है क्योंकि देश में सबका अपना-अपना अलग काम है.
-भारत एक्सप्रेस
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