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दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल को मिला बड़ा झटका, LG ने ED को मुकदमा चलाने की दी मंजूरी

दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में कथित आरोपी दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आने वाले समय में मुश्किलें बढ़ सकती है. क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की ईडी को मंजूरी दे दी है. ईडी ने 5 दिसंबर को केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए उपराज्यपाल से अनुमति मांगी थी.

ईडी ने केजरीवाल को बताया मास्टरमाइंड

बता दें, ईडी की माने तो दिल्ली शराब नीति मामले की जांच में भ्रष्टाचार का पता चला था, जिसकी जांच के लिए उसने इजाजत मांगी थी. हालांकि आम आदमी पार्टी ने इन खबरों से इनकार किया है. ईडी ने इस मामले में केजरीवाल को मास्टरमाइंड बताया था. ईडी ने 21 मार्च को दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था और मई में उनके पार्टी और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था.

ईडी का कहना है कि केजरीवाल और सिसोदिया ने साउथ लॉबी की मदद के लिए आबकारी नीति 2021-22 में बदलाव किए, जिसमें कथित तौर पर 100 करोड़ रुपए की रिश्वत दी गई थी.

हाईकोर्ट ने ED को नोटिस जारी कर जवाब मांगा

बता दें कि एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा था कि पीएमएलए के वो केस जो किसी सरकारी पद पर आसीन लोगों के खिलाफ दर्ज है, उसमें ट्रायल के लिए एलजी की अनुमति जरूरी होगी, जिसको लेकर ईडी ने दिल्ली के मुख्य सचिव को पत्र लिखा था. हालांकि अरविंद केजरीवाल ने हाईकोर्ट में चार्जशीट को रद्द करने की मांग को लेकर अपील दायर की है. जिसपर हाईकोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हुआ है. 11 फरवरी को हाईकोर्ट इस मामले में सुनवाई करने वाला है.

याचिका में केजरीवाल ने क्या कहा?

याचिका में केजरीवाल ने कहा है कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के सक्षम ऑथोरिटी से आवश्यक मंजूरी ईडी की ओर से नही ली गई है. लिहाजा ट्रायल कोर्ट का चार्जशीट पर संज्ञान लेने का आदेश गलत है. केजरीवाल ने कहा है कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने अपने आदेश में पीएमएलए की धारा 3 के तहत अपराध का संज्ञान लेने में गलती की है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली हाई कोर्ट ने धर्म परिवर्तन और दहेज संबंधित मामलों में आरोपी वकील को दी ट्रांजिट अग्रिम जमानत

केजरीवाल का यह भी कहना है कि अभियोजन के लिए सीआरपीसी की धारा 197(1) के तहत पूर्व मंजूरी प्राप्त करना आवश्यक है. लेकिन उनके मामले में ईडी ने ऐसा नही किया है. जबकि केजरीवाल कथित अपराध के समय एक लोक सेवक (मुख्यमंत्री) थे. 12 जुलाई 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी.

-भारत एक्सप्रेस 

गोपाल कृष्ण

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