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AI संचालित ‘भाषिणी’ बना रही है सरकार, पीएम मोदी बोले- समाधानों के लिए आदर्श परीक्षण प्रयोगशाला है भारत

PM Modi On Bhashini: पीएम मोदी ने जी20 की बैठक में शनिवार को कहा कि भारत समाधानों के लिए एक आदर्श परीक्षण प्रयोगशाला है. देश में सफल होने वाले समाधानों को दुनिया में कहीं भी आसानी से लागू किया जा सकता है. G20 डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप मिनिस्टर्स मीट में अपने वर्चुअल संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ” भारत समाज के सभी वर्गों के डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने के लिए AI-संचालित भाषा अनुवाद मंच ‘भाषिणी’ विकसित कर रहा है.

सबसे सस्ती डेटा का आनंद ले रहे हैं भारतीय यूजर्स: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, “आज भारत में 850 मिलियन से अधिक इंटरनेट यूजर्स हैं जो दुनिया में सबसे सस्ती डेटा लागत का आनंद ले रहे हैं. हमने शासन को अधिक कुशल, समावेशी, तेज और पारदर्शी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया है.” उन्होंने कहा, “45% से अधिक वैश्विक रीयल-टाइम भुगतान भारत में होते हैं.CoWIN पोर्टल ने भारत के टीकाकरण अभियान का समर्थन किया…हम एक AI-संचालित भाषा अनुवाद मंच ‘भाषिनी’ का निर्माण कर रहे हैं.

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वहीं बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “हम उन मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए एकत्र हुए हैं जो डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास को परिभाषित करेंगे. बेंगलुरु दुनिया की कुछ सबसे नवीन कंपनियों का घर है… डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप के लिए भारतीय अध्यक्षता द्वारा चुने गए तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं – डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI), डिजिटल इकोनॉमी में सुरक्षा और डिजिटल स्केलिंग. ये PM मोदी की प्राथमिकताओं को दर्शाते हैं.

क्या है ‘भाषिणी’?

पिछले साल दिसंबर में ओपन AI ChatGPT दुनिया भर में चर्चा में आया. उससे कुछ महीने पहले ही भारत में इसकी शुरुआत हुई थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2021-2022 में राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन (NLTM की घोषणा की थी. इसका उद्देश्य देसी भाषाओं का स्पीच टू स्पीच अनुवाद करने के लिए एक सिस्टम निर्माण करना है. भाषिणी का मुख्य उद्देश्य भारत की भाषाओं के बीच अनुवाद को सक्षम बनाना है. इसके लिए प्रमुख तकनीकें जैसे ऑटोमैटिक स्पीच रिकग्निशन, ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन, नैचुरल लैंग्वेज अंडरस्टैंडिंग, मशीन ट्रांसलेशन और टेक्स्ट-टू-स्पीच का उपयोग किया जा रहा है.

-भारत एक्सप्रेस

Rakesh Kumar

Sr. Sub-Editor

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