सौरभ अग्रवाल
Varanasi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर 7 जुलाई को अपनी काशी पहुंचेंगे. पीएम मोदी काशी में अपने व्यस्त कार्यक्रम के बीच हजारों वर्ष पुरानी दुर्लभ पांडुलिपियों को भी निहारेंगे. करीब एक हजार वर्ष पहले लिखी गई श्रीमद्भागवत गीता पांडुलिपि को भी पीएम मोदी देखेंगे और देश के समृद्ध इतिहास की साक्षी इन पांडुलिपियों को सहेजने के तौर- तरीकों की जानकारी लेंगे. काशी में पीएम मोदी 7 जुलाई को शाम को पहुंचेंगे और सबसे पहले हरहुआ रिंग रोड पर स्थित वाजिदपुर में जनसभा को संबोधित करेंगे. पीएम यहीं से करीब 21000 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात देंगे. पीएम इस कार्यक्रम के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय पहुंचेंगे और वहां सौ साल से ज्यादा पुराने सरस्वती भवन (पुस्तकालय) का अवलोकन करेंगे.
वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में स्थित सरस्वती भवन पुस्तकालय में हजारों वर्ष पुरानी दुर्लभ पांडुलिपियां को संरक्षित किया गया है. यह पुस्तकालय सन् 1907 में स्थापित किया गया था. पुस्तकालय के अध्यक्ष प्रोफेसर राजनाथ ने बताया कि सरस्वती पुस्तकालय में एक लाख ग्यारह हजार पांडुलिपियां रखी है. इसमें कई पांडुलिपियां हजारों वर्ष पुरानी है. एक हजार वर्ष पहले लिखी गई श्रीमद्भागवत गीता की पांडुलिपि को भी यहां संभालकर रखा गया है. इसके अलावा काफी छोटे अक्षरों में लिखे राजपंचध्यायी, दुर्गा सप्तशती की पांडुलिपियां भी पुस्तकालय में सहेजी गई है. पुस्तकालय में एक से बढ़कर एक दुर्लभ और खास पांडुलिपियों को सहेजा जा रहा है. यहां स्वर्ण और रजत पत्र पर लिखी पांडुलिपियां भी मौजूद है. स्वर्ण और रजत पर लिखी पांडुलिपियां लगभग 500 वर्ष पुरानी है. हमारा इतिहास कितना समृद्ध है यह पांडुलिपियों उसका जीवंत उदाहरण है, कई सदियां बीतने के बाद भी स्वर्ण और रजत पत्र पर लिखी पांडुलिपियों की चमक बरकरार है.
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पीएम मोदी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के दौरे को लेकर पीएमओ से जानकारी मिलने पर विश्वविद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन सरस्वती भवन पुस्तकालय में दुर्लभ पांडुलिपियों को व्यवस्थित करने में जुटा है. दुर्लभ पांडुलिपियों के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी जा सकें और सरस्वती भवन के इतिहास को बताया जा सकें, इसके लिए पांडुलिपियों की सूची तैयार की जा रही है. पीएम से संवाद के लिए यहां पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से पुस्तकालय के बारे में अच्छी जानकारी रखने वाले विद्वान प्रोफेसरों की ड्यूटी भी लगा दी गई है.
पीएम मोदी संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में दुर्लभ पांडुलिपियों को देखने के बाद वहीं विश्वविद्यालय में देव भाषा यानी संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों से भी मुलाकात कर सकते हैं. सभी देशों से काशी जाकर देव भाषा सीख रहे विदेशी छात्रों से पीएम मोदी की मुलाकात को लेकर भी तैयारी की गई है. संस्कृत पढ़ रहे 40 छात्रों को पीएम मोदी से मुलाकात के लिए चुना गया है. ये छात्र दुनिया के विभिन्न देशों से काशी आकर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से पाली, प्राकृतिक, बौद्ध और जैन दर्शन आदि विषयों की शिक्षा ले रहे हैं. संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में प्रस्तावित पीएम के कार्यक्रम को देखते हुए एसपीजी में सिक्योरिटी एक्सरसाइज भी की. विश्वविद्यालय में एसपीजी में अपनी टीम तैनात कर दी है.
-भारत एक्सप्रेस
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