भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) सम्मेलन एक ऐसा मंच प्रदान करता है, जो प्रवासी भारतीय समुदाय को भारत के साथ जोड़ने और आपस में संवाद करने का अवसर देता है. इस वर्ष का 18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 8 से 10 जनवरी 2025 के बीच ओडिशा राज्य सरकार के सहयोग से भुवनेश्वर में आयोजित किया जा रहा है.
इस वर्ष के सम्मेलन का विषय “विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान” रखा गया है. यह थीम भारत को आत्मनिर्भर और विश्वस्तरीय विकसित राष्ट्र बनाने में प्रवासी भारतीयों के योगदान को रेखांकित करती है. विदेश मंत्रालय (एमईए) के अनुसार, इस सम्मेलन में 50 से अधिक देशों के प्रवासी भारतीय भाग ले रहे हैं. बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग इस सम्मेलन के लिए पंजीकृत हो चुके हैं.
प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत 9 जनवरी 2003 को की गई थी. इस दिन का ऐतिहासिक महत्व यह है कि 9 जनवरी 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे. यह सम्मेलन भारत और विदेशों में बसे भारतीय समुदाय के बीच संबंध मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है.
“विकसित भारत” के दृष्टिकोण के साथ, यह सम्मेलन भारत और उसके प्रवासी समुदाय के बीच आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक प्रभावी मंच साबित होगा. भारतीय प्रवासी समुदाय को भारत की विकास यात्रा में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है.
18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन भारत के विकास की दिशा में प्रवासी भारतीयों की भूमिका को रेखांकित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है. यह आयोजन केवल संवाद का मंच नहीं, बल्कि भारत और प्रवासी भारतीयों के बीच साझेदारी को नई ऊंचाई तक पहुंचाने का अवसर है.
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-भारत एक्सप्रेस
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