Prayagraj News: माफिया अतीक अहमद की मौत भले ही हो गई हो लेकिन उससे जुड़ी तमाम खबरें लगातार सामने आ रही हैं. जहां उसके तमाम काले कारनामों का खुलासा हो रहा है तो वहीं अभी तक पुलिस उसकी फरार बेगम शाइस्ता परवीन को नहीं पकड़ सकी है. उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही वो फरार चल रही है. तो वहीं ताजा खबर सामने आ रही है कि प्रयागराज के जिस बाल संरक्षण गृह में माफिया के दोनों बेटों को रखा गया था, उसमें ताला लटक सकता है. बताया जा रहा है कि, माफिया के दोनों बेटों के यहां रहते हुए बाल संरक्षण गृह पर कई आरोप लगे थे. सात महीने तक उसके दोनों नाबालिग बेटों को यहां पर रखा गया था. इसी दौरान बाल गृह में अनियमितताएं भी पकड़ी गईं थीं और तमाम शिकायतें मिली थीं. ये भी आरोप था कि निजी संस्था इसका संचालन नियमों और मानकों के मुताबिक़ नहीं कर रही है.
बता दें कि , यह बाल संरक्षण गृह प्रयागराज शहर के राजरूपपुर इलाके में साठ फिट रोड पर स्थित है. इसका संचालन पिछले कई सालों से जगवंती देवी ग्राम विकास समिति नाम की संस्था द्वारा किया जा रहा है. मालूम हो कि, पिछले साल प्रयागराज में अधिवक्ता उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना को लेकर उमेश पाल की पत्नी ने अतीक अहमद और उसके पूरे परिवार व गुर्गों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. तो वहीं पुलिस को माफिया अतीक के दो नाबालिग बेटे एहजम और आबान चार मार्च को लावारिस हालत में मिले थे. इसके बाद माफिया के इन दोनों बेटों को 221 दिनों तक इसी संरक्षण गृह में रखा गया था. हालांकि पिछले साल की 9 अक्टूबर को दोनों को रिहा कर दिया गया और उनकी बुआ को सौंप दिया गया था. गौरतलब है कि जब तक माफिया अतीक के बेटे यहां रहे ये बाल संरक्षण गृह काफी चर्चा में रहा. आरोप है कि इस बाल गृह के संचालन में नियमों की अनदेखी की जा रही थी. तो वहीं यहां पर रखे जाने वाले बच्चों के साथ उचित व सम्मानजनक व्यवहार नहीं किया जा रहा था. एक बार अवैध तरीके से मोबाइल पकडे जाने, एक बच्चे द्वारा खुदकुशी की कोशिश किये जाने, बाल गृह के किराए की बिल्डिंग में चलने जैसी कई शिकायतें आई थीं.
बाल गृह से लगातार शिकायतें सामने आने के कारण यूपी सरकार के महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने यहां रहने वाले बच्चों को दूसरी जगहों पर शिफ्ट किये जाने का आदेश जारी किया है. तो इसी के बाद लगातार यहां से बच्चों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है. माना जा रहा है कि सभी बच्चों की शिफ्टिंग के बाद इस बाल गृह पर ताला लटक सकता हैं, हालांकि संस्था से जुड़े हुए संचालक मुकुल गोस्वामी का दावा है कि अभी सिर्फ बच्चों को दूसरी जगह शिफ्ट किये जाने का ही आदेश आया है. बंद किये जाने को लेकर उनके पास फिलहाल कोई सूचना नहीं है. तो वहीं संस्था में रहने वाले मानसिक रूप से कमज़ोर आधा दर्जन बच्चों को लखनऊ शिफ्ट किया जा चुका है. जबकि अन्य तो वाराणसी भेजा गया. तो अब यहां पर सिर्फ तीन बच्चे हैं, जिन्हे एक से दो दिनों में दूसरी जगहों पर शिफ्ट कर दिया जाएगा. तो वहीं इस सम्बंध में खबर सामने आ रही है कि, सभी बच्चों की शिफ्टिंग के बाद संस्था में ताला लटक सकता है.
-भारत एक्सप्रेस
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