प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 22-23 अक्टूबर को रूस का दौरा करने वाले हैं. विदेश मंत्रालय ने बताया है कि प्रधानमंत्री ग्रुप मेंबर्स के नेताओं और अन्य आमंत्रितों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे.
यह इस साल प्रधानमंत्री मोदी की रूस की दूसरी यात्रा है. ग्रुप के नौ सदस्यों तक विस्तार होने के बाद यह पहला शिखर सम्मेलन है. मिस्र, ईरान, इथियोपिया और यूएई इस साल दक्षिण अफ्रीका में 2023-समिट में सदस्यता की पेशकश के बाद ग्रुप में शामिल हुए थे.
पीएम मोदी के इस अहम यात्रा से पहले व्लादिमीर पुतिन का बयान आ गया है. जिसमें पुतिन ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि नरेन्द्र मोदी हमेशा संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान के लिए सभी हितधारकों के साथ संवाद व कूटनीति के महत्व पर जोर दिया है. आपको बताते चलें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विदेशी पत्रकारों के साथ बातचीत में ब्रिक्स गठबंधन पर चर्चा करते हुए भारत और उसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की.
पुतिन ने ब्रिक्स की भूमिका और यूक्रेन युद्ध सहित विभिन्न भू-राजनीतिक मुद्दों पर भी खुलकर बात करते हुए बताया कि ब्रिक्स कोई पश्चिमी विरोधी संगठन नहीं है, बल्कि यह एक गैर-पश्चिमी संगठन है. उन्होंने बताया कि ब्रिक्स के दरवाजे नए सदस्यों के लिए खुले हैं. जैसे-जैसे संगठन आगे बढ़ेगा, गैर-सदस्य देशों को भी आर्थिक रूप से लाभ होगा.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन में युद्ध खत्म करने के लिए समयसीमा तय करना आसान नहीं है. उन्होंने कहा कि इस पर कोई समय सीमा लगाना मुश्किल और प्रतिकूल होगा. हालांकि, उन्होंने रूस की जीत का दावा जरूर किया. भारत और रूस के बीच दशकों पुराना संबंध है, और भारत के यूक्रेन के साथ भी अच्छे रिश्ते हैं. इस साल, प्रधानमंत्री मोदी रूस और यूक्रेन दोनों का दौरा कर चुके हैं. इसलिए, उनकी शांति समझौते में भूमिका निभाने की उम्मीद की जा रही है. रूस और यूक्रेन फरवरी 2022 से युद्ध में उलझे हुए हैं.
पुतिन ने यूक्रेन युद्ध पर चिंता जताने और समाधान निकालने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले मीडिया से बातचीत में पुतिन ने कहा कि पीएम मोदी हमेशा इस मुद्दे को बातचीत में उठाते हैं और अपनी राय रखते हैं. हम इसके लिए उनके आभारी हैं. पीएम मोदी ने संघर्ष का स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान पाने के लिए सभी पक्षों के साथ संवाद और कूटनीति के महत्व पर जोर दिया है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 22-23 अक्टूबर को रूस की यात्रा करेंगे. वे वहां रूस की अध्यक्षता में कजान में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. शिखर सम्मेलन का विषय ‘न्यायसंगत वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना’ है. यह आयोजन नेताओं को प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा.
बयान में कहा गया कि शिखर सम्मेलन ब्रिक्स द्वारा शुरू की गई पहलों का आकलन करने और भविष्य में सहयोग के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान करने का एक मूल्यवान अवसर होगा. विदेश मंत्रालय ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ब्रिक्स सदस्य देशों के अपने समकक्षों और कजान में आमंत्रित नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे.
रूसी राष्ट्रपति के सहायक यूरी उशाकोव के अनुसार, कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में 24 देशों के नेता और कुल 32 देशों के प्रतिनिधिमंडल भाग लेंगे, जिससे यह रूस में अब तक का सबसे बड़ा विदेश नीति कार्यक्रम बन जाएगा. मुख्य ब्रिक्स मीटिंग के अलावा, ‘ब्रिक्स+’ फॉर्मेट में ‘ब्रिक्स और ग्लोबल साउथ: मिलकर विश्व के भविष्य का निर्माण’, विषय पर बैठकें होंगी. इसमें एशिया, अफ्रीका, मध्य पूर्व और लैटिन अमेरिका के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)
-भारत एक्सप्रेस
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