देश

किला मुबारक भटिंडा: इतिहास के माध्यम से एक शाही यात्रा

Punjab: पंजाब के मध्य में स्थित क्षेत्र की समृद्ध ऐतिहासिक विरासत किला मुबारक भटिंडा का एक उल्लेखनीय वसीयतनामा है. यह किला सदियों की विजय, त्रासदियों और समय बीतने का साक्षी रहा है. आइए हम आपको इतिहास के माध्यम से एक रहस्यमय यात्रा के बारे में बताते हैं. इस किले की शानदार दीवारों के अंदर बुनी गई कहानियों की जांच करते हैं. शहर के मध्य में भव्य रूप से स्थित, ऊंचा और गर्व से भरा किला मुबारक, इसकी सामरिक स्थिति के कारण इसे भारत का ‘अग्रदूत’ भी कहा जा सकता है, मुल्तान से दिल्ली की ओर जाने का रास्ता भटिंडा शहर से होकर जाता था. किले को 90-110 ईस्वी के बीच राज डाब द्वारा कमीशन किया गया था और तब इसे ‘तबर-ए-हिंद’ या ‘द गेटवे ऑफ इंडिया’ के नाम से भी जाना जाता था.

किला मुबारक एक नाव के आकार का किला है जो रेगिस्तान के बीच ऊंचे खड़े जहाज जैसा दिखता है. सही भी है, क्योंकि एक जमाने में भटिंडा रेत के टीलों से घिरा हुआ था. यह ऊंचे मैदान पर स्थित है, जिसके चारों कोनों पर 32 छोटे और 4 बड़े बुर्ज हैं. लगभग 1800 साल पुराना यह किला 15 एकड़ के विशाल परिसर में फैला हुआ है और 100 फीट से अधिक ऊंचा है. संरचना मूल रूप से पतली लाल ईंटों से बनी थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में किले के कई बुर्ज ढह गए हैं और उनका जीर्णोद्धार किया जा रहा है.

किले का केवल एक प्रवेश द्वार पूर्वी मुख पर है. प्रवेश द्वार अपने आप में एक तीन मंजिला संरचना है जिसमें मुगल आकृतियों की नक्काशी है. विशाल दरवाजे नुकीले हैं और दोनों ओर दो प्रमुख बुर्ज हैं. इनमें से एक गढ़ के ऊपर रानी महल है, जहां रजिया सुल्तान को कैद किया गया था. किले में एक मुख्य हॉल, संलग्न कमरे और बालकनी हैं. किला मुबारक के भीतरी भाग को ‘किला एंड्रोन’ कहा जाता है, यहां पटियाला राजवंश के शासक निवास करते थे. इसके अलावा ‘मोती पैलेस’, ‘राज माता पैलेस’ (रानी मां का महल), ‘शीश महल’ (मिरर पैलेस), ‘जेल महल’ जहां शाही कैदियों को रखा गया था.

मनोरंजक क्षेत्रों में ‘बाग घर’ या गार्डन हाउस और पुतली घर (कठपुतली घर) शामिल हैं. ऐतिहासिक महत्व होने के अलावा, किला एक भूमिगत सीवेज सिस्टम और एक ‘ठंडा कमरा’ वाला एक वास्तुशिल्प (architectural) चमत्कार भी है, जिसमें चिलचिलाती गर्मियों में ठंडी हवा लाने के लिए सुरंगें जुड़ी हुई हैं. शाही रसोई या ‘लस्सी खाना’ का उपयोग प्रतिदिन लगभग 35000 लोगों के लिए भोजन तैयार करने के लिए किया जाता था.

किला मुबारक क्षेत्र के रंगीन इतिहास के लिए एक वसीयतनामा के रूप में खड़ा है. 11 वीं शताब्दी में महमूद गजनवी ने किले पर कब्जा कर लिया. बाद में, मुहम्मद गोरी ने किले पर अधिकार कर लिया और इसे मलिक जयुद्दीन-तालुकी को सौंप दिया, लेकिन तराइन के युद्ध में पृथ्वी राज चौहान ने जीत लिया. हालांकि, 1192 ईस्वी में, कुतुब-उद-दीन ऐबक ने चौहान को हराया और इस किले पर अधिकार कर लिया.

– भारत एक्सप्रस

Rahul Singh

Recent Posts

AAP के पूर्व पाषर्द ताहिर हुसैन ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए Delhi High Court से मांगी अंतरिम जमानत

Tahir Hussain ने कहा है कि उसे अंतरिम जमानत दिया जाए जिससे वह चुनाव लड़…

32 seconds ago

Hush Money Case: डोनाल्ड ट्रंप बिना शर्त बरी, जेल या जुर्माने की नहीं मिली सजा, 20 जनवरी को लेंगे शपथ

गुरुवार (9 जनवरी) शाम को डोनाल्ड ट्रम्प ने मामले को अपमानजनक बताया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट…

14 mins ago

Mahakumbh: Mahatmya Par Mahamanthan: महाकुंभ को लेकर VHP प्रवक्ता साध्वी सरस्वती ने कहा, ये आधुनिक भारत की सबसे बड़ी तस्वीर

Video: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में शुक्रवार को हुए भारत एक्सप्रेस के मेगा कॉन्क्लेव…

1 hour ago

Mahakumbh: Mahatmya Par Mahamanthan: डिप्टी लेबर कमिश्नर Rajesh Mishra ने महाकुंभ पर दी बड़ी जानकारी

Video: यूपी के प्रयागराज में शुक्रवार को हुए भारत एक्सप्रेस के मेगा कॉन्क्लेव ‘महाकुंभ: माहात्म्य…

1 hour ago

एलन मस्क के बायोग्राफर ने कहा- “वह पागल हो रहे हैं, अमेरिका को एलन मस्क से बचाएं”

एलन मस्क के बायोग्राफर Seth Abramson ने लिखा, मैं एक मस्क बायोग्राफर हूं जो पिछले…

1 hour ago

Mahakumbh: Mahatmya Par Mahamanthan कॉन्क्लेव में सांसद Praveen Patel ने क्या कहा

Video: प्रयागराज में भारत एक्सप्रेस के मेगा कॉन्क्लेव ‘महाकुंभ: माहात्म्य पर महामंथन’ में प्रयागराज के…

2 hours ago