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Rahul Gandhi: 48 वोट से जीत वाली सीट पर मचा सियासी घमासान… राहुल गांधी ने EVM पर एक बार फिर से उठाया सवाल, लगाए ये आरोप

Rahul Gandhi on EVM: लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर EVM को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. बता दें कि उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मिड डे की एक खबर को शेयर की है, जिसमें बताया गया है कि वनराई पुलिस को अभी तक की जांच में रविंद्र वायकर के रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर के खिलाफ कई सबूत मिले हैं.

खबर में आगे कहा गया है कि मंगेश मंडिलकर पर आरोप है कि उसी ने ईवीएम में गड़बड़ी की जिसके बाद मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से वायकर को 48 वोटों से जीत मिली. इस मामले में ये भी आरोप लगा है कि मंगेश वोटों की गिनती के दौरान जो फोन इस्तेमाल कर रहा था वह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से जुड़ा था. इसी को लेकर राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खडे़ किए हैं. साथ ही हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में ईवीएम से छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाया है.

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राहुल गांधी ने कही ये बात

राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, “भारत में ईवीएम एक ‘ब्लैक बॉक्स’ है. किसी को भी इनकी स्क्रूटनी करने की अनुमति नहीं है. हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं. जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है.”

कांग्रेस ने कही ये बात

बता दें कि इस मामले में कांग्रेस लगातार चुनावी प्रक्रिया पर निशाना साध रही है. राहुल गांधी से पहले कांग्रेस के अधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स से एक पोस्ट शेयर कर कहा गया कि, EVM से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है. मुंबई में NDA के कैंडिडेट रवींद्र वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल फोन EVM से जुड़ा था. NDA के इस कैंडिडेट की जीत सिर्फ 48 वोट से हुई है. ऐसे में सवाल है कि आखिर NDA के कैंडिडेट के रिश्तेदार का मोबाइल EVM से क्यों जुड़ा था? जहां वोटों की गिनती हो रही थी, वहां मोबाइल फोन कैसे पहुंचा? सवाल कई हैं, जो संशय पैदा करते हैं. चुनाव आयोग को स्पष्टीकरण देना चाहिए.

पुलिस को भी मिले हैं ईवीएम से छेड़छाड़ के सबूत

बता दें कि इस मामले में पुलिस लगातार छानबीन कर रही है. पुलिस को भी ईवीएम से की गई छेड़छाड़ के सबूत मिले हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोबाइल फोन का इस्तेमाल ईवीएम मशीन को अनलॉक करने वाले ओटीपी को जनरेट करने के लिए किया गया था. फिलहाल पुलिस ने अब मोबाइल फोन को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) में भेज दिया है ताकि मोबाइल फोन का डेटा पता लगाया जा सके और फोन पर मौजूद फिंगरप्रिंट भी लिए जा रहे हैं. इस टेक्निक का इस्तेमाल 4 जून को नेस्को सेंटर के अंदर किया गया था. मालूम हो कि इस मामले में वनराई पुलिस ने आरोपी मंगेश पंडिलकर और दिनेश गुरव को सीआरपीसी 41ए का नोटिस भेज दिया है. ये लोग चुनाव आयोग के साथ एनकोर (पोल पोर्टल) ऑपरेटर था.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

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