Rajya sabha Chairman Jagdeep Dhankhar: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि जयंत चौधरी को मंच देने के लिए कांग्रेसी सांसदों द्वारा किए गए आचरण को लेकर वह इतना आहत हो गए थे कि उन्होंने पद छोड़ने का मन बना लिया था. उन्होंने कहा कि उन्हें इतना दुख अपने जवान बेटे की मौत पर भी नहीं हुआ था. बता दें कि जयंत चौधरी शनिवार को राज्यसभा में अपने दादा और पूर्व पीएम चरण सिंह को भारत रत्न देने के फैसले पर सदन में अपना मत रख रहे थे. ऐसे में जब वह बोलने के लिए उठे तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत सभी नेताओं ने इसका विरोध किया.
इस पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्हें अपने जवान बेटे से भी ज्यादा दुख हुआ. उन्होंने जयराम रमेश को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह अपने इस आचरण के कारण उच्च सदन के सदस्य बनने के लायक नहीं हैं. हालांकि कांग्रेस सांसदों ने कहा कि सभापति ने न तो यह सूचित किया कि वह कब जयंत सिंह को मंच देंगे और न ही सदन में होने वाले कामकाज की सूची में भारत रत्न के फैसले पर बयान देने का जिक्र था.
जयंत सिंह जब बोल रहे थे तब जयराम रमेश ने कुछ टिप्पणियां कीं और जयंत से पूछा कि वह कहां जाना चाहते हैं? रमेश ने कहा कि जयंत की पार्टी रालोद विपक्ष के साथ संबंध तोड़ने और लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए में शामिल होना चाहती है. इससे सभापति नाराज हो गए और उन्होंने इस टिप्पणी के लिए जयराम रमेश की योग्यता पर ही सवाल उठा दिए. इस पर सभापति ने कहा कि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो श्मशान घाट पर दावत कर सकते हैं. आप इस कदाचार के लिए इस सदन का हिस्सा बनने के लायक नहीं हैं.
सभापति यहीं नहीं रुके सत्र की समाप्ति से पहले एक बार फिर उन्होंने जयराम रमेश पर निशाना साधा. उन्होंने आगे कहा कि यह शर्मनाक और दुखद था. हमारा व्यवहार इतना निम्न था मुझे शर्मिंदगी महसूस हुई. मैंने पद छोड़ने के बारे में भी सोचा. किसान का बेटा होने के कारण मैंने काफी कठिन समय देखा है. मैंने अपना जवान बेटा खोया है लेकिन आज का दर्द उससे भी ज्यादा था.
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