Ram Vilas Paswan: लोक जन शक्ति पार्टी के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की आज जयंती है. उनका जन्म 5 जुलाई 1946 को बिहार के खगड़िया जिले के शहरबन्नी में हुआ था. उनके पिता का नाम जामुन पासवान और माता का नाम सीया देवी था. रामविलास पासवान ने अपनी शिक्षा कोसी महाविद्यालय, पटना विश्वविद्यालय के अलावा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से प्राप्त की थी. उन्हें यूपी के झांसी स्थित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से एम. ए., एलएलबी व डी. लिट. की डिग्री भी मिली थी.
देश में इमरजेंसी के दौरान उन्हें भी कई नेताओं की तरह विरोध करने पर जेल जाना पड़ा था. रामविलास पासवान 1977 में पहली बार बिहार के हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सांसद बने थे. इसके बाद वह, 1980,1989, 1991(रोसड़ा),1996,1998, 1999,2004 और 2014 में सांसद बने. वह 9 बार लोकसभा सांसद और 2 बार राज्यसभा सांसद रहे थे. बता दें कि रामविलास पासवान ने वर्ष 1977 में, छठे लोकसभा चुनाव में हाजीपुर से 4,24,545 वोटों की सर्वाधिक मार्जिन से जीत हासिल की थी. इसके लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ था. अब आइए उनके बारे में एक दिलचस्प बात जानते हैं कि आखिरकार रामविलास पासवान को राजनीति का ‘मौसम विज्ञानी’ क्यों कहा जाता था.
बिहार के पूर्व सीएम और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने रामविलास पासवान को राजनीति का ‘मौसम विज्ञानी’ कहा था, जिसके बाद से वे इस उपनाम से भी जाने जाने लगे. बात वर्ष 2009 की है. दरअसल, लोकसभा चुनाव 2009 से लगभग तीन महीने पहले तत्कालीन केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने लालू यादव को एक सुझाव दिया था. पासवान ने लालू यादव से बिहार में कांग्रेस पार्टी को कुछ और सीटें देने का सुझाव दिया था. रामविलास ने तब आशंका भी जताई थी कि अगर लालू यादव ऐसा नहीं करते हैं तो यूपीए सरकार से बाहर होने का खतरा है.
बता दें कि तब लालू यादव यूपीए-1 की सरकार में रेल मंत्री थे. हालांकि, लालू यादव ने रामविलास के सुझाव पर ध्यान नहीं दिया और इसका नतीजा यह हुआ था कि उनकी पार्टी आरजेडी को भारी नुकसान झेलना पड़ा. रामविलास पासवान भी हाजीपुर से हार गए थे.
वैसे तो रामविलास पासवान की भविष्यवाणि के मुताबिक, कांग्रेस लगातार दूसरी बार केंद्र में सरकार बनाने में सफल रही लेकिन उनके सुझाव नहीं मानने पर लालू यादव को भारी नुकसान उठाना पड़ा था.
इसी राजनीतिक घटना के बाद से लालू यादव ने रामविलास पासवान को ‘मौसम विज्ञानी’ कहना शुरू कर दिया था. राजनीति में ‘मौसम विज्ञानी’ का मतलब था कि देश की राजनीति में हवा का रुख किस तरफ है, रामविलास पासवान उसे पहले ही भांप लेते थे. इसी कारण केंद्र में भले ही किसी भी पार्टी की सरकार हो पासवान मंत्री जरूर बनते थे. रामविलास पासवान एक-दो नहीं बल्कि छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम किए. वे 2014 में पीएम मोदी की मंत्री मंडल में शामिल होने से पहले वीपी सिंह, एचडी देवगौड़ा, आईके गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह सरकार में भी केंद्रीय मंत्री रह चुके थे.
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वर्ष 1969 में रामविलास पासवान का चयन बिहार पुलिस में बतौर डीएसपी यानी पुलिस उपाधीक्षक के रूप में हुआ. हालांकि, उसी साल वे संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहली बार विधायक भी बन गए.
अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत को लेकर पासवान ने एक दिलचस्प कहानी बताई थी. उन्होंने बताया था,”1969 में मेरा पुलिस और विधानसभा, दोनों में सेलेक्शन हो गया था. तब मेरे एक मित्र ने पूछा कि बताओ सरकार बनना है या सर्वेंट? तब मैंने राजनीति चुन ली.”
रामविलास पासवान ने अपनी पार्टी भी बनाई जिसका नाम लोक जन शक्ति पार्टी है. वे इस पार्टी के 28 नवंबर 2000 से अध्यक्ष भी रहे. वहीं, 8 अक्टूबर 2020 में रामविलास पासवान का बीमारी के कारण 74 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था. उन्हें मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया गया.
-भारत एक्सप्रेस
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