Rampur Bypolls: चुनाव की तारीख के नजदीक आते-आते रामपुर उपचुनाव में अब सियासी सरगर्मियां बढ़ने लगी है. सपा नेता आजम खान का अलग हीं अंदाज जलसों में देखने को मिल रहा है. कभी आजम खान लोगों से शिकवे शिकायतें करते नजर आ रहे हैं, कभी खुद को मार देने की पेशकश कर रहे हैं. ऐसे में आजम खान का यह बर्ताव आजम खान के चाहने वालों के लिए जितना दर्द भरा है, उतना ही विपक्ष इसे सोची-समझी स्क्रिप्ट बता रहा है.
‘आप अपने पर हंस रहे हैं या हम पर हंस रहे हैं कितना हंसोगे’
सपा नेता आजम खान ने सोमवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए एक बार फिर सपा प्रत्याशी आसिम राजा के लिए भावुक अपील की. संबोधन के दौरान आजम खान ने एक व्यक्ति के हंसने पर कहा, “आप अपने पर हंस रहे हैं या हम पर हंस रहे हैं, कितना हंसोगे अपने ऊपर हम पर तो दुनिया हंस रही है. थू कह रही है हम पर दुनिया, हंसो और हंसो हमसे ज्यादा बेशर्म और कौन हो सकता है. इतना कुछ कहने के बाद भी तुम्हारे अंदर हंसने की हिम्मत है. मैं दाद देता हूं तुम्हारी सेहत को.”
आजम खान ने कहा,”सरकारें बहुत सी आईं, हमारी सरकार भी आई लेकिन तब अमन था, शांति थी, मोहब्बत थी , एक दूसरे का एहतराम था. हम तो यह जानते ही नहीं थे कि सरकारों का यह काम भी है. हमें तो यह खबर ही नहीं थी कि सरकारों का काम घरों के दरवाजे तोड़ना है, औरतों के चेहरों पर थप्पड़ मारना है, घसीटकर ले जाकर थानों में बंद कर देना है, बेगुनाह लोगों को महीनों और वर्षों जेलों में डाल देना है, उनके हाथों से कलम और मुंह से जबान खींच लेना है.”
आजम खान ने कहा, “मैं अपने बच्चे की उम्र साबित नहीं कर सका, उसे पैदा करने वाली मां अपनी औलाद की उम्र साबित नहीं कर सकी, यह हमारी बदकिस्मती नहीं है तो क्या है. उसके दो पैन कार्ड हैं , कहां के उसके दो पासपोर्ट है ,, एक खारिज हुआ है दूसरा बना है एक पैन कार्ड खारिज हुआ है तो दूसरा बना है.”
हिटलर ने यहूदियों के साथ भी नहीं किए थे जो सुलूक हमारे साथ हुए- आजम
आजम खान ने कहा मैं चोर हूं, “मैं बकरियों का डाकू हूं, भैंस का डाकू हूं ,मुर्गी का डाकू हूं, फर्नीचर का डाकू हूं, किताबों का डाकू हूं. ए अल्लाह, हिंदुस्तान में ऐसे लाखों लोग पैदा कर दे, जो मुर्गियां चुराएं, भैंस डकैती करें, किताबें डकैती करें, मशीन डकैती करें, लेकिन यूनिवर्सिटी बनवा दें।” अपने ऊपर दर्ज मामलों पर आजम खान ने कहा, “मैं और मेरी औलाद अदालत के सामने अपनी बेगुनाही साबित नहीं कर सके, ना अस्पताल का सर्टिफिकेट हम साबित कर सके, ना नगर निगम के काम साबित कर सके, ना मां की मेटरनिटी लीव साबित कर सके, ना डॉक्टर का बयान साबित कर सकें और हम सज़ा के दरवाजे पर खड़े हैं। जेल हमारा इंतजार कर रही है और जानते हो क्या सलूक हुए थे हमारे साथ, वह सलूक तो हिटलर ने यहूदियों के साथ भी नहीं किए थे जो हमारे साथ हुए.”
आजम खान ने अब्दुल्ला आजम का जिक्र करते हुए कहा कि वह मेरा बच्चा दिल्ली में है वकीलों से मशवरा कर रहा है कि, जेल के दरवाजे हमारा इंतजार कर रहे हैं कैसे उनको क्या किया जाए मां नहीं तय कर सकी कि मेरा बच्चा कब पैदा हुआ है, हम कानून के सामने यह भी यह साबित नहीं कर सके मेरा बच्चा कब पैदा हुआ है, मैं कैसा बदनसीब बाप हूं ,कैसी बदनसीब उसकी मां है.
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