Rahul Gandhi: मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने राहुल की सजा पर रोक लगा दी है यानी अब कांग्रेस नेता की सांसदी बहाल होने का रास्ता साफ हो गया. राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी सदस्यता रद्द हो गई थी. अगर यह सजा बरकरार रहती को वे आगामी चुनाव में नहीं उतर पाते. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक तरफ जहां राहुल गांधी के लिए राहत लेकर आया है तो वहीं विपक्ष के ‘इंडिया’ गठबंधन में भी कांग्रेस पहले से अधिक मजबूत स्थिति में आती नजर आ रही है.
राहुल गांधी को मिली राहत बहुत राजनीतिक मायने रखती है. इससे पहले राहुल गांधी के चुनाव लड़ने पर ही सस्पेंस बरकरार था. यदि उनकी यह सजा बरकरार रहती तो आने वाले 2 चुनावों तक वह अयोग्य ही रहते. इसका नुकसान कांग्रेस को आगामी चुनावों में सीटों के बंटवारे के तौर पर भी उठाना पड़ सकता था. अब राहुल गांधी की सजा पर रोक के बाद कांग्रेस बैकफुट के बजाय फ्रंटफुट पर बैटिंग करती नजर आ सकती है.
दरअसल अब विपक्षी एकजुटता की मुंबई में होने वाली बैठक में राहुल गांधी एक महत्वपूर्ण किरदार में दिखाई देंगे. उनके चेहरे को लेकर परहेज करने वाली ममता बनर्जी पहले ही बेंगलुरु की बैठक के मंच पर उन्हें ‘हम सबके फेवरेट’ कहकर संबोधित कर चुकी हैं. यानी राहुल को विपक्ष एक बड़े चेहरे के तौर पर सामने रख सकता है. हालांकि आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस पहले राहुल के चेहरे से दूरियां बनाते दिखाई दिए थे.
उन्हें जो सजा मिली उसे कर्नाटक के चुनाव में भी कांग्रेस ने जमकर भुनाया. कहना मुश्किल है कि सहानुभूति का कितना समर्थन राहुल गांधी को मिला लेकिन इसके बावजूद राहुल गांधी की सजा पर यह रोक स्पष्ट तौर पर यह बताती है कि अब कांग्रेस आगामी चुनाव में इसको जमकर भुनाने वाली है. खासतौर पर पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में, जहां पर राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ-साथ तेलंगाना में सीधा सीधा मुकाबला कांग्रेस को अपने विरोधी दलों से करना है.
भारत जोड़ो यात्रा के बाद से ही राहुल गांधी की छवि में एक परिवर्तन देखने को मिला है. राहुल गांधी का आजादपुर मंडी जाना हो, फिर दिल्ली में बाइक मैकेनिक से मिलना हो या फिर ट्रक ड्राइवर से मुलाकात… उन्होंने खुद को आम आदमी से जोड़ने की कोशिश की है. दो साल की सजा पर रोक के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होगी. ऐसे में आगामी दिनों में इसका कितना फायदा कांग्रेस और विपक्षी एकजुटता का मंच उठाता है यह देखने वाली बात होगी.
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