राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी की तरफ से राजस्थान सरकार पर लगाए गए 746.88 करोड़ रुपये के जुर्माने पर रोक लगा दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान राजस्थान सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल शिव मंगल शर्मा ने कोर्ट को बताया कि एनजीटी ने न केवल 113.10 करोड़ रुपये का भुगतान एक महीने के अंदर करने का निर्देश दिया था, बल्कि मुख्य सचिव सहित अन्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था.
एनजीटी ने 17 सितंबर 2024 को सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट नियमों के कथित गैर-अनुपालन का हवाला देते हुए राजस्थान सरकार पर जुर्माना लगाया था. एनजीटी ने अपने आदेश में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था, यह आदेश सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण को खतरे में डालने वाले अनुपचारित कचरे के बढ़ते मुद्दे को संबोधित करने में घोर लापरवाही को उजागर करता है. एनजीटी ने यह भी कहा था कि राज्य में हर रोज 6523 टन ठोस कचरा पैदा होता है. जबकि केवल इसका 63.19 फीसदी ही संसाधित होता है और 2400 कचरा वैसे ही छोड़ दिया जाता है.
बता दें कि इससे पहले भी एनजीटी ने राजस्थान सरकार पर 3000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. एनजीटी ने कथित तौर पर ठोस और तरल कचरे व औद्योगिक इकाइयों के प्रदूषित पानी की निकासी का प्रबंधन नहीं करने और पर्यावरण को नुकसान पहुचाने में भी राजस्थान पर यह जुर्माना लगाया था.
-भारत एक्सप्रेस
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