देश

ReNew के सीईओ सुमंत सिन्हा का कहना है कि भारत का हरित लक्ष्य कंपनियों को $500 बिलियन का अवसर प्रदान करता है

देश में कोयले पर निर्भरता कम करने और सौर उर्जा जैसे विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाएं हैं. उम्मीद है कि भविष्य में भारत की कोयले पर निर्भरता कम होगी और वैकल्पिक उर्जा के स्त्रोत प्रमुख रूप से उर्जा का साधन बनेंगे. सरकार के इन्हीं कामों को देखते हुए ReNew Energy Global Plc के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सुमंत सिन्हा ने कहा कि भारत की ऊर्जा परिवर्तन योजनाएँ दशक के अंत तक कंपनियों के लिए $500 बिलियन के निवेश अवसर की पेशकश करती हैं, क्योंकि देश स्वच्छ ऊर्जा में रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ोतरी चाहता है. दुनिया में ग्रीन हाउस गैसों के तीसरे सबसे बड़े उत्सर्जक राष्ट्र ने 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से अपनी उत्पादन क्षमता को लगभग तिगुना करने का लक्ष्य रखा है. उस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए, सरकार हर साल 50 गीगावाट पवन, सौर और हाईब्रिड परियोजनाओं की नीलामी करने की योजना बना रही है. सिन्हा ने बुधवार को एक साक्षात्कार में बताया कि रिन्यू जैसी कंपनियां एक बड़े अवसर की पेशकश कर रही हैं.

भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार की पहल

पवन और सौर ऊर्जा परियोजनाओं के निर्माण के अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सौर पैनलों के घरेलू निर्माण में भी निवेश की मांग कर रही है. सरकार ने हार्ड-टू-एबेट उद्योगों के डीकार्बोनाइजेशन के लिए एक बाजार का दोहन करने के लिए भारत को हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने की योजना भी शुरू की है. ReNew की योजना संपूर्ण डीकार्बोनाइजेशन श्रृंखला में निवेश करने की है. सिन्हा ने कहा कि लगभग 8 गीगावाट परिचालन क्षमता वाली कंपनी, भारत के शीर्ष नवीकरणीय उत्पादकों में से एक है और यह अब 4-गीगावाट प्रति वर्ष सौर मॉड्यूल विनिर्माण संयंत्र का निर्माण कर रही है, जो इस साल चालू हो जाएगा.

इसे भी पढ़ें: जम्म-कश्मीर में गरीबों को घर बनाने के लिए जमीन और आवास देगी मोदी सरकार, जल्द जारी होगा नोटिफिकेशन

परियोजनाओं के लिए हो रही भौगोलिक क्षेत्रों की खोज

कंपनी मिस्र में एक हरित हाइड्रोजन संयंत्र पर व्यवहार्यता अध्ययन कर रही है और ऐसी परियोजनाओं के लिए अन्य भौगोलिक क्षेत्रों की खोज कर रही है. सिन्हा ने कहा कि सेल और मॉड्यूल पर आयात कर लगाने की सरकार की योजना, हालांकि आपूर्ति में “अस्थायी व्यवधान” का कारण है, इसे सौर मॉड्यूल आपूर्ति में चीन के विकल्प के रूप में स्थापित करेगी. भारत ने पिछले साल इन घटकों के घरेलू विनिर्माण में निवेश को लुभाने और चीन पर निर्भरता कम करने के लिए मॉड्यूल पर 40% और सेल पर 25% आयात कर लागू किया था. भारत अभी भी लगभग तीन-चौथाई बिजली उत्पादन के लिए कोयले पर निर्भर है.

Rohit Rai

Recent Posts

बीच सड़क महिला को छड़ी और लात-घूसों से पीट-पीट कर किया अधमरा…बंगाल में गिरफ्तार हुआ TMC का करीबी ‘JCB’

Bengal Assault Case: स्थानीय पुलिस ने पीड़िता को सुरक्षा प्रदान की है व अन्य आरोपियों…

24 mins ago

मध्य प्रदेश में बुराड़ी जैसी घटना, अलीराजपुर में एक ही परिवार के 5 लोगों के शव फंदे से लटकते मिले, इलाके में फैली सनसनी

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, गुनेरी पंचायत के राउड़ी गांव में राकेश सिंह, उनकी…

45 mins ago

राहु की चाल बदलने से इन राशियों को होगा जबरदस्त लाभ, जुलाई की इस तारीख से लौटेंगे अच्छे दिन

Rahu Nakshatra Transit: छाया ग्रह राहु जुलाई में नक्षत्र परिवर्तन करने जा रहा है. ऐसा…

56 mins ago

बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों की सीएम योगी ने समीक्षा बैठक, मंत्री-अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि अति संवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ की आपात स्थिति हेतु…

1 hour ago