S Jaishankar in Varanasi: आज विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने वाराणसी में पूर्वांचल स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से आयोजित शिक्षा सशक्तीकरण के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जब हम विकसित भारत की बात करते हैं तो हम समावेशी हो जाते हैं. दुनिया की पुरानी संस्कृति में काशी की संस्कृति शामिल है.
सनबीम वरुणा में आयोजित कार्यक्रम में वह आगे बोले कि विकसित भारत की बात करते हुए अगर देश आगे बढ़ रहा है तो सबसे ज्यादा जिम्मेदारी अध्यापकों की बढ़ जाती है. उन्होने आगे कहा कि यहां के शिक्षकों के साथ मेरा जुड़ाव रहा है. देश को अगर आगे बढ़ना है तो सबसे ज्यादा जिम्मेदारी अध्यापकों के कंधे पर होती है क्योंकि वह आने वाली पीढ़ी को शिक्षित करती है. अच्छी शिक्षा से देश की अच्छी तैयारी होती है. लोकतंत्र की यात्रा में यह काफी महत्वपूर्ण है. मैं अपनी मुलाकात के दौरान शिक्षकों के साथ मोदी सरकार की नीतियों को रखूंगा. इस मौके पर सनबीम वरुणा स्कूल प्रबंधन से जुड़े लोगों ने विदेशी मंत्री एस. जयंशकर का भव्य स्वागत किया.
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “आज मैं काशी आया हूं, मेरा कार्यक्रम है. यहां मैं पहले अध्यापकों से मुलाकात करूंगा. जब हम विकसित भारत की बात करते हैं, अमृतकाल की बात करते हैं, अगर देश को आगे बढ़ाना है तो सबसे ज्यादा जिम्मेदारी अध्यापकों की है. इस चुनाव के दौरान मेरा अनुभव है कि लोगों में देश की विदेश नीति के बारे में जानने की बहुत इच्छा है, उत्साह है. यह गर्व का विषय है कि प्रधानमंत्री मोदी भारत को कहां ले गए हैं. आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रतिष्ठा बढ़ गई है.” उन्होंने आगे कहा कि “जी-20 को हमने पूरे देश में करीब 60 शहरों में उत्सव की तरह मनाया. मुझे लगता है कि आने वाले दिनों में यहां टूरिज्म में वृद्धि जरूर होगी. हम काशी को प्रमोट करना चाहते हैं. हम इसकी अंतरराष्ट्रीय छवि बनाना चाहते हैं.”
मीडिया सूत्रों के मुताबिक काशी में आए विदेश मंत्री एस. जयशंकर विदेशी नीतियों को लेकर यहां के बुद्धिजीवियों के साथ बैठक करेंगे. उन्होंने बताया कि भारत देश में विदेश नीति की काफी चर्चाएं हैं. इसे लोगों को जानना चाहिए. यह गर्व की भी बात है. आज मोदी सरकार के जरिए भारत देश की प्रतिष्ठा विदेशों में काफी बढ़ी है. वह आगे बोले और कहा कि मोदी सरकार की परंपरा रही है कि स्थानीय लोगों से अपनी नीतियों और योजनाओं पर विमर्श किया जाए. हम लोग पब्लिक के साथ जुड़कर काम करना चाहते हैं जो कर रहे हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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