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मुसलमानों से संवाद बढ़ा रहा है संघ, मौलाना इलियासी के बयान पर बोले मोहन भागवत-राष्ट्रपिता सिर्फ एक हैं

नई दिल्ली– राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मुस्लिम बुद्धिजीवियो और मौलानाओं से संवाद बढ़ाना शुरू कर दिया है.संघ को करीब से जानने वाले लोग हालांकि ये कहते हैं कि मोहन भागवत संवाद में यकीन रखते हैं और ये एक रुटीन प्रक्रिया है,इसमें कुछ नया नहीं है.पिछले दिनों मोहन भगवत से कुछ बुद्धिजीवी मिले थे,जिनमें पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी,पत्रकार शाहिद सिद्दीकी, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर ज़मीरउद्दीन शाह और बिजनेसमैन सलीम शेरवानी शामिल थे.बातचीत में संघ प्रमुख ने कहा कि ‘काफिर शब्द’ से अच्छा संदेश नहीं जाता .इसके बाद कल संघ प्रमुख जब अखिल भारतीय इमाम संगठन के अध्यक्ष मौलाना उमर इलियासी से मिले तो उन्होंने संघ प्रमुख को राष्ट्रपिता बता दिया लेकिन संघ प्रमुख ने उन्हें टोकते हुए कहा कि, “भारत के राष्ट्रपिता सिर्फ एक हैं”.

संघ प्रमुख की पहल से कौन है परेशान

इससे पहले गुरुवार को जो कुछ हुआ उसे देखकर कई मुसलमान नेता हैरान थे क्योंकि कल अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रेसीडेंट मौलाना उमर इलियासी से संघ प्रमुख की मुलाकात हुई.संघ प्रमुख खुद मौलाना इलियासी से मिलने पहुंचे थे जिनके साथ रामलाल और इंद्रेश कुमार भी थे .इस मुलाकात से हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी काफी हैरान -परेशान नज़र आए.वजह  साफ है। असल में मौलाना इलियासी संघ प्रमुख से मिलकर भावुक हो गए और उन्होंने संघ प्रमुख को राष्ट्रपिता और राष्ट्र ऋषि तक बताया दिया.हालांकि जब मीडिया ने उनसे पूछा तब भी वह अपनी बात पर कायम रहे.इस मुलाकात को लेकर ओवैसी ने कहा कि जो भी मुसलमान नेता या प्रतिनिधि संघ प्रमुख से मिल रहे हैं,उनका ज़मीन से कोई जुड़ाव नहीं है,ये अच्छे घरों में रहते हैं और इन्हें किसी किस्म की कोई दिक्कत नहीं है.

संघ प्रमुख बोले ,राष्ट्रपिता सिर्फ एक हैं

आपको बता दें कि संघ प्रमुख मौलाना इलियासी से मुलाकात के बाद एक मदरसे में पहुंच गये जहां उन्होंने बच्चों से उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा.उन्होंने बच्चों से कहा कि आप देश का भविष्य हैं और आप पर देश की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है.उन्होंने बच्चों से सवाल भी पूछे.लेकिन जब मौलाना इलियासी ने बच्चों से कहा कि संघ प्रमुख हमारे राष्ट्रपिता और राष्ट्र ऋषि हैं तो उन्होंने टोकते हुए कहा कि राष्ट्रपिता देश में एक ही हैं और वह हैं महात्मा गांधी ,हालांकि खुद को राष्ट्रपिता बताये जाने से मोदन भागवत काफी खुश दिखे,कुछ जगहों पर उन्होंने इसका जिक्र भी किया लेकिन मौलाना इलियासी द्वारा उनको दी गयी उपमा भावनाप्रधान ज़्यादा थी

-भारत एक्सप्रेस

 

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