देश

यूपी की जेलों में उम्रकैद की सजा काट रहे कैदियों की रिहाई का मामला, SC ने अवमानना याचिका पर सरकार को लगाई कड़ी फटकार

उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों की रिहाई को लेकर दाखिल अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर यूपी सरकार को फटकार लगातई है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि आपकी ओर से जानबूझकर आदेश का पालन नहीं किया गया. यूपी हमारे आदेशों का पालन क्यों नहीं कर रहा है? हम आपको ऐसे नहीं छोड़ेंगे.

कोर्ट ने की तीखी टिप्पणी

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस एजी मसीह की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हमारे आदेश पारित करने के बाद भी आप 2-4 महीने कैसे ले सकते हैं? वहीं यूपी सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि संबंधित विभाग के अधिकारी छुट्टी पर थे. जिस पर कोर्ट ने यूपी सरकार से हलफनामा दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों का आचरण तो देखो, हमारे आदेशों पर बैठे हैं, ये सीएम सचिवालय के अधिकारी हैं. कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि हम निर्देश देते हैं कि वकील राकेश कुमार उन जिम्मेदार लोगों के नाम पेश करें जिन्होंने फाइल स्वीकार करने से इनकार कर दिया. अवमानना पर किसी भी फैसले से पहले, हम निर्देश देते हैं कि 14 अगस्त तक मुख्यमंत्री कार्यालय में अधिकारियों के साथ आवश्यक पत्राचार के साथ हलफनामा पेश किया जाए. कोर्ट 20 अगस्त को अगली सुनवाई करेगा.

मौलिक अधिकारों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं

मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस ओका ने कहा कि यह बेशर्मी है. वह कैदियों के मौलिक अधिकारों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि 4 महीने बीत गए? हमने आपको 2 महीने का समय दिया और अब भी आप याचिका पर फैसला करने के लिए 2 महीने की अतिरिक्त मांग कर रहे है.

यूपी सरकार ने मांगा था अतिरिक्त समय

यूपी सरकार की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से कहा था कि हम मामले में जांच कर रहे हैं, लिहाजा कुछ दिन के लिए और मोहलत दे दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने 16 मई 2022 को आदेश दिया था कि कई उम्रकैद की समय पूर्व रिहाई के आवेदनों पर तीन महीने के भीतर अंतिम निर्णय लें, लेकिन इस आदेश के कई महीने हो गए. इसके बावजूद कई कैदियों की समय से पहले रिहाई की याचिकाओं पर अभी तक फैसला नहीं किया गया है.

सितंबर 2022 में समय पूर्व रिहाई से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यदि कोई बंदी समय पूर्व रिहाई की एलिजबिलिटी पूरी करता है तो बिना एप्लिकेशन की भी उसकी रिहाई पर विचार किया जाए. साथ ही कोर्ट ने कहा था कि जिन कैदियों के आवेदन मिले हैं, उन पर तेजी से काम किया जाए.

यह भी पढ़ें- “आप मेल भेजिए उसके बाद देखते हैं कब सुनवाई हो सकती है?” केजरीवाल की याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग पर बोले सीजेआई

कोर्ट ने DLSA को निर्देश दिया था कि जेल अथॉरिटी के साथ मिलकर सभी एलिजिबल कैदियों के लिए स्टेट्स तैयार करें. बता दें कि 25 मार्च 2022 को कोर्ट ने सभी 12 याचिकाकर्ता कैदियों को जमानत देते हुए अपने आदेश में कहा था कि ये सभी करीब 14 वर्ष की सजा काट चुके हैं और इनकी जमानत याचिकाएं वर्षो से हाई कोर्ट में लंबित हैं. ऐसे में सभी याचिकाकर्ताओं को जमानत दी जाती है. कोर्ट ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाई गई शर्तों को पूरा करने पर याचिकाकर्ता कैदियों को जमानत पर रिहा किया जाए.

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

Recent Posts

MahaKumbh 2025: महाकुंभ से पहले महामना मदन मोहन मालवीय पार्क का होगा सौंदर्यीकरण, पार्क में लगेगी उनकी प्रतिमा

MahaKumbh 2025: प्रयागराज के महामना मदन मोहन मालवीय पार्क का सौंदर्यीकरण कार्य जारी है, जिसमें…

11 mins ago

अगले सीजन की शुरुआत में देश में 56 लाख टन चीनी का सरप्लस होगा, 20 लाख टन कर सकते हैं निर्यात

चीनी की कीमतें मिलों की उत्पादन लागत 41,000 रुपये प्रति टन से काफी नीचे आ…

13 mins ago

मध्य दिसंबर तक प्रत्यक्ष कर संग्रह 16.45% बढ़कर 15.82 लाख करोड़ रुपये पहुंचा

इस साल प्रत्यक्ष कर संग्रह में 16.45% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिसमें व्यक्तिगत…

30 mins ago

भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेशों ने 2024 में नया रिकॉर्ड स्थापित किया, देखिए आंकड़े

Indian Realty Institutional Investments: वर्ष 2024 में भारत का रियल एस्टेट सेक्‍टर अभूतपूर्व गति पकड़…

45 mins ago

2030 तक देश की GDP में 120 अरब डॉलर का योगदान दे सकते हैं Startups: Kalaari Capital

2023 में भारतीय स्टार्ट-अप्स ने देश की GDP में 35 अरब डॉलर का योगदान दिया…

47 mins ago

Mahakumbh 2025: सीएम योगी के निर्देश पर स्वच्छता का रखा जा रहा विशेष ध्यान, 24 घंटे अलर्ट रहेगी स्वास्थ्य विभाग की Vector Control Unit

Mahakumbh 2025: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप महाकुंभ को स्वस्थ और स्वच्छ महाकुंभ…

49 mins ago