उत्तर प्रदेश

बांग्लादेश मामले पर अखिलेश के इस बयान के क्या हैं मायने? सपा मुखिया ने किसे दी ये नसीहत

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बांग्लादेश मामले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर बिना किसी देश का नाम लिए लंबी पोस्ट लिखकर अपना बयान जारी किया है.

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच पर लिखा कि विश्व इतिहास गवाह है कि विभिन्न देशों में सत्ता के खिलाफ, उस समय की कसौटी पर, सही-गलत कारणों से हिंसक जन क्रांतियां, सैन्य तख्तापलट, सत्ता-विरोधी आंदोलन विभिन्न कारणों से होते रहे हैं. ऐसे में उस देश का ही पुनरुत्थान हुआ है, जिसके समाज ने अपने सत्ता-शून्यता के उस उथल-पुथल भरे समय में भी अपने देशवासियों की जान-माल व मान की रक्षा करने में जन्म, धर्म, विचारधारा, संख्या की बहुलता-अल्पता या किसी अन्य राजनीतिक विद्वेष या नकारात्मक, संकीर्ण सोच के आधार पर भेदभाव न करके सकारात्मक-बड़ी सोच के साथ सबको एक-समान समझा और संरक्षित किया है.

“देशवासियों की रक्षा देश का कर्तव्य”

उन्होंने आगे लिखा कि देश और देशवासियों की रक्षा करना हर देश का कर्तव्य होता है. सकारात्मक मानवीय सोच के आधार पर, एक व्यक्ति के रूप में हर निवासी-पड़ोसी की रक्षा करना भी हर सभ्य समाज का मानवीय-दायित्व होता है, फिर वह चाहे किसी काल-स्थान-परिस्थिति में कहीं पर भी हो. विशेष रूप से रेखांकित करने की एक बात इतिहास ये भी सिखाता है कि किसी और देश के राजनीतिक हालातों का इस्तेमाल जो सत्ता अपने देश में अंदर, अपनी सियासी मंसूबों को पूरा करने के लिए करती है, वो देश को आंतरिक और बाह्य दोनों स्तर पर कमज़ोर करती है.

उन्होंने लिखा कि कई बार किसी देश के आंतरिक मामलों से प्रभावित होने वाले, किसी अन्य देश द्वारा एकल स्तर पर हस्तक्षेप करना वैश्विक राजनयिक मानकों पर उचित नहीं माना जाता है, परंतु ऐसे में उस प्रभावित देश और उसके अपने सांस्कृतिक रूप से संबंधित व्यक्तियों की चतुर्दिक रक्षा के लिए, उस देश को अपनी मूक विदेश नीति को सक्रिय करते हुए, विश्व बिरादरी के साथ मिलकर साहसपूर्ण सकारात्मक मुखर पहल करनी चाहिए, जिससे सार्थक समाधान निकल सके.

यह भी पढ़ें- ‘UP की ब्रांडिंग का बेहतरीन अवसर है इंटरनेशनल ट्रेड शो…’, बोले सीएम योगी; जानें कब है भव्य आयोजन

जो सरकार ऐसे में मूक-दर्शक बनी रहेगी, वो ये मानकर चले कि ये उसकी विदेश नीति की नाकामी है कि उसके सभी दिशाओं के निकटस्थ देशों में परिस्थितियां न तो सामान्य हैं और न उसके अनुकूल. इसका मतलब है कि ‘भू-राजनीतिक’ नज़रिये से उसकी विदेश नीति में कहीं कोई भारी चूक हुई है. सांस्कृतिक-निकटस्थता के सूत्र से एक बड़े भौगोलिक क्षेत्र को बांधकर आपसी समझबूझ और भाईचारे से ही विश्व के विभिन्न अशांत भू-खंडों में अमन-चैन लाया जा सकता है. सकारात्मक सोच से जन्मा सौहार्द एवं शांति ही मानवीय समृद्धि का मार्ग है.

-भारत एक्सप्रेस

Shailendra Verma

Recent Posts

वायु प्रदूषण: सही कारण का हल ही करेगा नियंत्रण

Air Pollution: हर वर्ष नवम्बर के महीने में दिल्ली सरकार अपने आदेश के तहत बिना…

26 minutes ago

धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती आज, पीएम मोदी समेत इन नेताओं ने किया नमन, प्रधानमंत्री ने शेयर किया वीडियो

पीएम मोदी ने लिखा, भगवान बिरसा मुंडा जी ने मातृभूमि की आन-बान और शान की…

31 minutes ago

कार्तिक पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी को चढ़ाएं ये 1 चीज, धन-दौलत में होगी खूब बरकत

Kartik Purnima 2024 Upay: कार्तिक पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ धन की देवी…

2 hours ago

दमघोंटू बनी दिल्ली की हवा, 25 इलाकों में एक्यूआई का स्तर 400 से 500 के बीच

लगातार दो दिनों से दिल्ली की हवा गंभीर श्रेणी में बनी हुई है, जिससे सुबह-सुबह…

2 hours ago

जब Kartik Aryan ने बचपन में अपनी बहन के साथ की ऐसी शरारत, मां का हो गया था बुरा हाल, जानें पूरा किस्सा

बॉलीवुड एक्टर कार्तिक आर्यन स्क्रीन के साथ-साथ रियल लाइफ में भी काफी चुलबुले हैं. हाल…

2 hours ago

देव दीपावली पर कितनी संख्या में दीपक जलाना है शुभ, जानें इससे जुड़े खास नियम

Dev Deepawali 2024: आज पूरे देश दीपावली मनाई जा रही है. इस दिन देवताओं के…

2 hours ago