अडानी फाउण्डेशन द्वारा शहरी मालिन बस्तियों में हर साल सितंबर के महीने में राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जाता है. अडानी विल्मार द्वारा संचालित फॉर्च्यून सुपोषण प्रोजेक्ट का उद्देश्य पोषण के महत्व पर जागरूकता फैलाना है. इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं, शिशुओं, बच्चों और किशोरियों और पुरुषों के पोषण संबंधी मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य पोषण स्तर में सुधार करना और कुपोषण को कम करना है.
इसके लिए समुदाय के लोगों को इस वर्ष सुपोषण में पोषण उत्सव विषय को लेकर विभिन्न गतिविधियों जैसे : रैली, पोषण मेला, पोषण संवाद,पोषण परामर्श, कुकिंग डेमो, किशोरी मेला और स्वस्थ्य बाल प्रतियोगिता के द्वारा संतुलित और पोषण युक्त आहार के लिए स्थानीय और सस्ते मोटे अनाज का इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया जा रहा है.
इस अवसर पर वाराणसी जिले के नेवादा, सुन्दरपुर, गैबी, लल्लापुरा, नक्खीघाट, राजघाट,बजरडीहा, बिरदोपुर,सेनपुरा, सरायसुरजन, खोजवां इत्यादि मलिन बस्तियों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें गर्भवती महिलाओ और किशोरियों के लिए पोषण के पांच सूत्र के बारे में जागरूक किया गया पोषण रैली,पोषण संवाद और पोषण परामर्श और योग सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें बाल विकास परियोजना आंगनवाड़ी पर्यवेक्षिका पुनीता सिंह द्वारा मोटे अनाज से बने व्यंजनों जैसे:- रागी का हलवा, बाजरा का इडली, बाजरा लड्डू, सहजन का पुलाव, सहजन का पराठा, रागी का चिल्ला, सावा खीर, सावा पुलाव, चुकंदर का हलवा,पराठा इत्यादि के महत्व के बारे में बताया गया.
इसके साथ ही राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के बाल विभाग के डॉक्टर रुचि तिवारी और डॉक्टर अश्विनी कुमार गुप्ता ने बच्चो के सम्पूर्ण विकास के बारे में समझाते हुए उनके उम्र के अनुसार संतुलित आहार देने हेतु लोगों का बताया और इसके साथ ही सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर एडोलसेंट हेल्थ ऐंड डेवलपमेंट (साथिया केंद्र), सर सुंदरलाल चिकित्सालय,BHU की महिला काउंसलर नेहा चौधरी ने किशोरियों को माहवारी स्वच्छता प्रबंध के बारे में विस्तारपूर्वक समझाते हुए आयरन युक्त भोजन का सेवन करने हेतु जागरूक किया .
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सुपोषण अधिकारी ममता यादव ने किशोरियों को संतुलित आहार के बारे में बताते हुए जंक फ़ूड का कम से कम इस्तेमाल करने और पोषण के पांच सूत्र के बारे में जानकरी देते हुए गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व होने वाले जाचों के महत्त्व को समझाया गया. इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से ANM अनुपमा द्वारा किशोरी और महिलाओं को एनीमिया के दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी देते हुए जीवन के पहले 1000 दिन के दौरान लगने वाले टीकों के बारे में समझाया.
पूरे माह विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 6000 से अधिक लाभार्थियों को पोषण के बारे में जागरूक किया गया. कार्यक्रम के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकत्री विमला भारती, प्रेम लता, मीना देवी, सुषमा देवी, सुनीता जैसन, सुनीता कुमारी, मीरा देवी, विद्या देवी, सुशीला और सुपोषण संगिनी रीता वर्मा, रेनू कुमारी, ज्योति, सोनी मौर्य, प्रीति मौर्य, ज्योति भारती, बिंदु पटेल,आसन गुप्ता, बबिता, अंजुम, शबनम और ममता श्रीवास्तव आदि उपस्थित थीं.
-भारत एक्सप्रेस
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