आगरा– सुप्रीम कोर्ट ने आगरा विकास प्राधिकरण को ताजमहल की चारदीवारी यानि परिधीय दीवार से 500 मीटर के दायरे में सभी व्यावसायिक गतिविधियों को हटाने का निर्देश दिया है. न्याय मित्र के रूप में अदालत की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ए.डी.एन. राव ने न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय एस. ओका की पीठ के समक्ष ये बताया कि ताजमहल के नजदीक सभी व्यावसायिक गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए निर्देश जारी किए जाने चाहिए. मकबरा यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी है.
शीर्ष अदालत को सूचित किया गया था कि इसी तरह का आदेश मई 2000 में जारी किया गया था, लेकिन निर्देश को दोहराना उचित है. ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में बहुत सी कारोबारी गतिविधियां चल रही हैं जिससे ताज के सौंदर्य को नुकसान हो रहा है.लिहाजा आगरा विकास प्राधिकरण को ताजमहल के 500 मीटर के दायरे को तुरंत खाली करने का निर्देश दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दुकान मालिकों के एक समूह के आवेदन पर पारित किया, जिन्हें 500 मीटर के दायरे से बाहर जगह आवंटित की गई है. दुकान मालिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि स्मारक के पश्चिमी द्वार पर अवैध व्यावसायिक गतिविधियां पनप रही हैं, जो अदालत के आदेश का उल्लंघन है.ताजमहल की खूबसूरती को बनाए रखने के लिए लगातार कोशिशें जारी हैं.क्योंकि ताजमहल आने वाले सैलानियों से राज्य सरकार को भारी मात्रा में राजस्व मिलता है.साल में करीब 70 लाख से ज्यादा सैलानी ताज के दीदार करने के लिए आते हैं,इनमें स्वदेशी और विदेशी दोनों पर्यटक शामिल हैं.
–भारत एक्सप्रेस
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