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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले में भ्रष्टाचार के आरोपी संदीप घोष की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

Kolkata News: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले में भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की ओर से दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने कोलकाता हाईकोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी को हटाने से भी इंकार कर दिया है.

मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि आपका लोकस क्या है? जिस पर उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में पहले दो याचिकाएं उसी आधार पर खारिज हुई थीं. सीबीआई ने मुझे आरोपी बनाया है.

सीजेआई ने कहा कि आप आरोपी हैं आपका लोकस नहीं बनता हस्तक्षेप करने का. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड ने कहा कि जब घटना हुई तब आप कॉलेज के प्रिंसिपल थे. हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार या अपराध पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन एक आरोपी के रूप में आपके पास जनहित याचिका में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता अस्पताल के पूर्व प्रभारी थे और उन्हें जांच के बाद कहीं भेजा गया था. उन्होंने कहा कि कोलकाता हाई कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियों से मैं बहुत दुखी हूं. वित्तीय अनियमितता का आरोप है, लेकिन सीबीआई द्वारा मुझे आरजी कर बलात्कार और हत्या से जोड़ना न्याय का बहुत बड़ा मजाक है.

संदीप घोष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि कोलकाता हाई कोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले को सीबीआई को सौपने से पहले उनका पक्ष को नही सुना था. बिना उनका पक्ष सुने हाई कोर्ट ने मामले को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था, साथ ही संदीप घोष ने हॉस्पिटल में हुए रेप की घटना को लेकर हाई कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी को हटाने की मांग की थी. कोलकाता हाई कोर्ट ने 23 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए गठित एसआईटी से केस को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था.

सीबीआई ने हाल ही में संदीप घोष सहित तीन अन्य लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है. बता दें कि संदीप घोष ने फरवरी 2021 से सितंबर 2023 तक आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में कार्य किया. उनपर गंभीर आरोप लगे है. उन्हें अक्टूबर 2023 में आरजी कर से स्थानांतरित कर दिया गया था. लेकिन अज्ञात कारणों से एक महीने के भीतर ही उन्हें फिर से उसी पद पर बहाल कर दिया गया. संदीप घोष हॉस्पिटल में तब तक कार्यरत रहे, जब तज की महिला ट्रेनी डॉक्टर की मौत का मामला सामने नही आया.

– भारत एक्‍सप्रेस

गोपाल कृष्ण

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