राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन के उन 11 सदस्यों का निलंबन रद्द कर दिया है, जिन्हें हाउस पैनल द्वारा विशेषाधिकार हनन का दोषी ठहराया गया था. राज्यसभा के सभापति ने अपने निलंबन को रद्द करने के लिए राज्यों की परिषद ( राज्य सभा ) में प्रक्रिया और संचालन के नियमों के नियम 202 और 266 के तहत निहित अधिकार का इस्तेमाल किया, जिससे सदस्यों को 31 जनवरी, 2024 को आयोजित राष्ट्रपति के विशेष संबोधन में भाग लेने का मौका मिल सकेगा.
विशेषाधिकार समिति में शामिल थे ये सदस्य
राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति में 11 सदस्य शामिल थे, जिनमें जेबी माथेर हिशाम, डॉ. एल हनुमंथैया, नीरज डांगी, राजमणि पटेल, कुमार केतकर, जीसी चंद्रशेखर, बिनॉय विश्वम, संदोश कुमार पी, एम मोहम्मद अब्दुल्ला, डॉ. जॉन ब्रिटास और एए रहीम शामिल थे.
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इन सांसदों को लेकर सिफारिश की गई थी कि सदस्यों द्वारा पहले ही झेली गई निलंबन की अवधि को अपराध के लिए पर्याप्त सजा के रूप में माना जाना चाहिए. रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत की गई. हालांकि, इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए कि निलंबित सदस्य भारत के संविधान के अनुच्छेद 87 के तहत नई इमारत में पहली बार एक साथ इकट्ठे हुए संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के विशेष संबोधन में शामिल नहीं हो पाएंगे. संसद की समिति ने राज्यसभा के सभापति को रिपोर्ट प्रस्तुत की.
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