Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान राम की होने वाली प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. श्रद्धालुओं के रहने, खाने और उनकी सुरक्षा को लेकर व्यापक स्तर पर रणनीति बनाने के साथ ही सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है. अयोध्या जल्द ही अभेद किले में तब्दील होने वाली है. चप्पे-चप्पे पर जवान तैनात किए जाएंगे, इसके अलावा सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाएगी. सुरक्षा एजेंसियां AI सर्विलांस की मदद भी लेंगी. इसके अलावा प्राण प्रतिष्ठा के दौरान 11 हजार पुलिस कर्मियों के अलावा अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां तैनात की जाएंगी.
मंदिर की सुरक्षा से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंदिर की सुरक्षा के लिए AI सर्विलांस के पायलट प्रोजेक्ट को अयोध्या के लिए लॉन्च किए जाने की तैयारी है. अगर सब-कुछ कुछ ठीक-ठाक रहा, तो इसे मंदिर की सुरक्षा में शामिल किया सकता है. राम मंदिर को लेकर काफी खतरा है, ऐसे में सुरक्षा के सभी बंदोबस्त किए जा रहे हैं. AI सर्विलांस बार-बार आने वाले भक्तों या लोगों के समूह द्वारा अपनाई जाने वाली किसी भी सामान्य गतिविधि या फिर परिसर में संदिग्ध चीजों का पता लगाने में मदद करेगा.
एक सीनियर पुलिस अफसर ने बताया कि इस आयोजन में अर्धसैनिक बल और पीएसी की 26 कंपनियों के साथ-साथ लगभग 8000 नागरिक पुलिस कर्मियों को तैनात करने की संभावना है. इसके साथ ही यूपी एंटी टेरर स्क्वाड (एटीएस) और स्पेशल टास्क फोर्स की टीमें और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड जैसी केंद्रीय एजेंसियां भी तैनात होने जा रही हैं.
22 जनवरी को पहुंचने वाले अतिथियों व श्रद्धालुओं की सुविधाओं को देखते हुए तैयारी की जा रही है. तो वहीं तीर्थक्षेत्रपुरम यानी पुराना बाग बिजेसी में सरयू किनारे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से टेंट सिटी बनवाई जा रही है. इसमें 6 नगर होंगे, जिनके नाम मंदिर आंदोलन में अपना जीवन लगा देने वाले महापुरुषों के नाम पर रखे गए हैं. इसी के साथ ही टेंट सिटी में तमाम सुविधाएं भी रहेंगी, ताकि किसी को भी किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े. साथ ही सुरक्षा-व्यवस्था के लिए गली प्रमुख तैनात किए जाएंगे.
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टेंट सिटी के प्रत्येक नगर में पानी की बेहतरीन सुविधा रहेगी. पानी की आपूर्ति के लिए दो नलकूप के अतिरिक्त 3-3 हजार लीटर का वॉटर टैंक भी होगा. इसी के साथ ही प्रत्येक नगर के लिए 12 हजार लीटर पानी का बंदोबस्त किया जाएगा. पूरे परिसर तक आवाज पहुंचे, इसके लिए ध्वनि विस्तारक की व्यवस्था की जाएगी. केंद्रीय प्रसारण के साथ ही हर नगर का अपना सूचना प्रसारण केंद्र होगा ताकि भोजन जलपान के लिए बुलाया जा सके. साथ ही यहां पर पुस्तकों का स्टॉल भी लगाया जाएगा और धार्मिक साहित्य उपलब्ध रहेगा. यहां पांच भोजनालय संचालित होंगे, जिसकी जिम्मेदारी एक संस्था को रहेगी. संतों के लिए 1400 कमरे तैयार किए गए हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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