होटल उद्यमी पृथ्वी राज सिंह ओबेरॉय की वसीयत में विरासत को लेकर छिड़े विवाद के बीच ओबेरॉय होटल समूह की प्रमुख कंपनी ईआईएच लिमिटेड और उसकी मूल कंपनियों को कोई भी शेयर हस्तांतरण करने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दिया है. न्यायमूर्ति नवीन चावला ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि वादी के पक्ष में प्रथम दृष्टया मामला बनता है. यदि शेयर एवं संपत्ति के विषय को अलग कर दिया जाता है तो उन्हें अपूरणीय क्षति होगी.
मालूम हो कि ओबेरॉय समूह के मानद चेयरमैन पृथ्वी राज सिंह ओबेरॉय का 94 वर्ष की उम्र में 14 नवंबर, 2023 को निधन हो गया था. उसके बाद उनके वारिसों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया था. कोर्ट ने यह अंतरिम आदेश दिवंगत उद्यमी की बेटी एनेस्तेसिया ओबेरॉय और उनकी मां मिर्जाना जोजिक ओबेरॉय की तरफ से एनेस्तेसिया के भाई विक्रमजीत सिंह ओबेरॉय, बहन नताशा देवी ओबेरॉय, चचेरे भाई अजरुन सिंह ओबेरॉय और अन्य के खिलाफ दाखिल मुकदमे में पारित किया है.
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कोर्ट ने वसीयत के अनुसार एनेस्तेसिया और उनकी मां की तरफ से दिल्ली के कपासहेड़ा में एक पारिवारिक घर पर कब्जे को भी संरक्षण दिया है. मां-बेटी ने दावा किया है कि पीआरएस ओबेरॉय की 25 अक्टूबर, 2021 को तैयार वसीयत के निष्पादन में विक्रमजीत और अजरुन बाधा डाल रहे हैं.
इस वसीयत में पृथ्वी राज सिंह ओबेरॉय के शेयरों को दो बेटियों नताशा एवं एनेस्तेसिया के बीच बांटा जाना था. इस मामले में विक्रमजीत और अजरुन की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि मौजूदा वसीयत को चुनौती दी गई है, जबकि वर्ष 1992 की एक और वसीयत है. उसपर भी गौर किया जाए.
-भारत एक्सप्रेस
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