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लेफ्टिनेंट कर्नल और मेजर के पार्थिव शरीर पहुंच रहे हैं उनके पैतृक निवास, कल हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुए थे शहीद

भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल वीवीबी रेड्डी और मेजर जयंता ए, के पार्थिव शरीर को भारतीय वायुसेना के विमान से हैदराबाद और मदुरै ले जाया जा रहा है. भारतीय सेना के ये दोनों अधिकारी 16 मार्च की सुबह अरुणाचल प्रदेश में हुए एक हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हो गए थे. 16 मार्च सुबह करीब 9 बजकर 15 मिनट पर अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला के पास उड़ान भर रहे आर्मी एविएशन चीता हेलीकॉप्टर का एटीसी से संपर्क टूट गया था.

भारतीय सेना, एसएसबी और आईटीबीपी की पांच सर्च पार्टियों को तुरंत घटनास्थल की ओर रवाना किया गया. मंडला के ग्राम बंगलाजाप के पास विमान का मलबा मिला. भारतीय सेना के मुताबिक इस दुखद हादसे में हेलिकॉप्टर के पायलट और को-पायलट की जान चली गई. हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं.

तेजपुर में दी गई पुष्पांजलि

शहीद हुए दोनों सैन्य अधिकारियों को तेजपुर में पुष्पांजलि दी गई. इसके बाद शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल वीवीबी रेड्डी और शहीद मेजर जयंत ए के पार्थिव शरीर को शुक्रवार को भारतीय वायुसेना के विमान से हैदराबाद और मदुरै ले जाया जा रहा है. लेफ्टिनेंट कर्नल वीवीबी रेड्डी का पार्थिव शरीर शाम 6 बजे हैदराबाद हवाई अड्डे से रोड के जरिए उनके पैतृक स्थान यदाद्री, तेलंगाना ले जाया जाएगा. वहीं मेजर जयंत ए का पार्थिव शरीर शुक्रवार रात 8 बजे तक उनके पैतृक निवास मदुरै पहुंचेगा.

यह दोनों अधिकारी हादसे के समय भारतीय सेना के चीता हेलीकॉप्टर में सवार थे. चीता हेलीकॉप्टर भारतीय सेना का एक उच्च प्रदर्शन वाला हेलीकॉप्टर है जिसे ऊंचाई की स्थिति में संचालन के लिए डिजाइन किया गया है. पांच सीट वाला चीता हेलीकॉप्टर बहुमुखी, बहु भूमिका, बहुउद्देशीय, अत्यधिक गतिशील और निर्माण में मजबूत है.

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया यह हेलीकॉप्टरों की सभी श्रेणियों के बीच अधिक ऊंचाई पर उड़ान भरने का विश्व रिकॉर्ड रखता है. एचएएल के अनुसार, अपने उत्कृष्ट शक्ति-वजन अनुपात के कारण, चीता गर्म उष्णकटिबंधीय मौसम में संचालन और उच्च ऊंचाई पर भी मिशन के लिए सबसे उपयुक्त हेलीकाप्टरों में से एक है.

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार चीता हेलीकॉप्टर को यात्री परिवहन, रसद सहायता (कार्गो व सामग्री परिवहन), हताहत निकासी, राहत संबंधी ऑपरेशन, खोज और बचाव कार्य संचालन, टोही, स्लंग ऑपरेशन के तहत कई प्रकार के मिशनों के लिए विशेष रूप से विकसित किया गया है.

-आईएएनएस

आईएएनएस

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