दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस में होने वाले बड़े फेरबदल की चर्चाओं ने पुलिस और प्रशासन दोनों ही जगह सरगर्मी बढ़ा दी है. चर्चा है कि दो बार सेवा विस्तार ले चुके मुख्य सचिव नरेश कुमार के स्थान पर अन्य अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. वहीं दो साल पहले दिल्ली पुलिस की कमान संभालने वाले संजय अरोड़ा की विदाई भी तय मानी जा रही है.
गौरतलब है कि 1987 बैच के IAS अधिकारी नरेश कुमार को अप्रैल 2022 में दिल्ली का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था. सेवानिवृत्ति के कारण नवंबर 2023 में उनका कार्यकाल खत्म हो रहा था, लेकिन केंद्र से बेहतर कदम-ताल की वजह से उन्हें छह माह का सेवा विस्तार दे दिया गया था. मई 2024 में उनका कार्यकाल खत्म होने से पहले उन्हें फिर से तीन माह का सेवा विस्तार दे दिया गया. इतना ही नहीं उन्हें एक बार फिर से नई दिल्ली नगर पालिका परिषद के चेयरमैन की जिम्मेदारी भी सौंप दो गई. उनका कार्यकाल अगले सप्ताह 31 अगस्त को खत्म हो रहा है.
सूत्रों की माने तो केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नए मुख्य सचिव की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है. वरिष्ठता क्रम पर ध्यान दें तो 1988 बैच की रेनू शर्मा अक्टूबर में सेवानिवृत्त हो रही हैं, जबकि चेतन भूषण सांघी जून 2025 में. 1989 बैच के राजेंद्र कुमार अभी तक निलंबित ही चल रहे हैं और जी. नरेंद्र कुमार कभी दौड़ में शामिल नहीं रहे हैं. ऐसे में इसी बैच के अधिकारी और अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव धर्मेंद्र को इस दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है. हालांकि जल-शक्ति मंत्रालय में तैनात 1990 बैच की देबश्री मुखर्जी, गोवा के मुख्य सचिव पुनीत गोयल के नाम भी दिल्ली के मुख्य सचिव पद के लिए चर्चा में हैं.
दिल्ली दंगों के दौरान फेल साबित हुए एसएन श्रीवास्तव के बाद दिल्ली पुलिस की तस्वीर ऐसी बदली कि दिल्ली की कमान अन्य काडर के अफसरों के हाथों में चली गई. दो साल पहले दिल्ली पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात किए गए तमिलनाडु काडर के IPS अधिकारी संजय अरोड़ा महकमे पर पकड़ बनाने में पूरी तरह विफल साबित हुए. महकमे ने लगातार बढ़ रहे भ्रष्टाचार, सड़कों पर यातायात पुलिस की नाकामी और आपराधिक वारदातों में हो रही वृद्धि के अलावा उच्च स्तर पर लगने वाले उगाही के आरोपों ने तो जैसे पुलिस के स्वर्णिम इतिहास को धुंधला ही कर दिया. सूत्रों की माने तो जल्द ही दिल्ली पुलिस में फेरबदल होने वाला है, जिसमे संजय अरोड़ा की विदाई तय है.
दिल्ली पुलिस आयुक्त के पद पर इस बार AGMUT यानी मूल काडर के अधिकारी की नियुक्ति की चर्चा है. इसके लिए 1988 बैच के SBK सिंह का नाम हमेशा की तरह इस बार भी दौड़ में शामिल बताया जा रहा है. लेकिन जानकारों को उनकी नियुक्ति की संभावना नजर नहीं आ रही है. उसका एक बड़ा कारण केंद्रीय गृह मंत्रालय में नए गृह सचिव के तौर पर सिक्किम काडर में अधिकारी गोविन्द मोहन की नियुक्ति माना जा रहा है. वह 1989 बैच के IAS अधिकारी हैं. चूंकि दिल्ली पुलिस सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करती है तो इसकी संभावना नगण्य है कि गृह सचिव से वरिष्ठ अधिकारी को दिल्ली पुलिस का मुखिया बनाया जाएगा.
वरिष्ठता क्रम में 1989 बैच के संदीप गोयल तिहाड़ प्रकरण के कारण निलंबित चल रहे हैं. सूत्रों की मानें तो 1990 बैच के विवेक गोगिया दिल्ली पुलिस में अपने कार्यकाल के दौरान हुए कई बड़े मामलों को लेकर विवादों में रह चुके हैं. इसी बैच के वीरेंद्र कुमार और नुजहत हसन को यह जिम्मेदारी मिलने की संभावना भी नजर नहीं आ रही है. ऐसे में 1992 बैच के दो अधिकारी सतीश गोलचा और MM ओबराय ही बच जाते हैं. इनमें से MM ओबराय का नाम इसलिए दौड़ से बाहर माना जा रहा है, क्योंकि वह कांग्रेस नेता अजय माकन से नजदीकी रिश्तेदारी हैं.
-भारत एक्सप्रेस
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुंबई शहर ने लंबे समय तक आतंकवाद की पीड़ा झेली है.…
एनसी प्रमुख ने कहा, “हमारा उद्देश्य यही है कि यहां के लोगों को सही तरीके…
कोहली बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत के पांच घरेलू टेस्ट मैचों में सिर्फ एक…
यूपीपीएससी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर प्रतियोगी छात्रों की मांगों को ध्यान में…
अली को नवंबर 2019 में लश्कर के एक ऑपरेटिव शेख अब्दुल नईम उर्फ सोहेल खान…
फरवरी 2020 में, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा के साथ ही नागरिकता…